कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में विपक्षी दल शुक्रवार (06 अगस्त 2021) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा जमाई गई ‘किसान संसद’ में पहुँचे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 14 विपक्षी दलों के सदस्य जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में 22 जुलाई 2021 से बैठे प्रदर्शनकारी ‘किसानों’ का समर्थन करने पहुँचे।
विपक्षी दलों की उपस्थिति में प्रदर्शनकारियों द्वारा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ किसान संसद में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाया गया और उसे पास भी किया गया। हालाँकि, लोकतान्त्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ किए जा रहे इस तरह के गैर-संवैधानिक क्रियाकलापों की निंदा करने के स्थान पर विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया।
जुलाई में किसान संसद के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा एक प्रदर्शनकारी रवनीत सिंह बराड़ को सांकेतिक रूप से कृषि मंत्री बनाया गया था, ताकि बाद में उनका इस्तीफा लिया जा सके। इसके बाद ‘APMC Bypass Act’ पर किसान संसद में चर्चा भी हुई। इस चर्चा के दौरान बाकी सदस्यों के सवालों का जवाब देने में असमर्थ रहने पर आखिरकार ‘कृषि मंत्री’ ने अपना इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा, किसान संसद में कुछ प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई।
किसान संसद पहुँचे राहुल गाँधी ने तीनों कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने की माँग की। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने किसानों का समर्थन करने का निर्णय लिया है और केंद्र सरकार से माँग किया है कि तीनों कृषि कानूनों को तुरंत ही वापस लिया जाए। राहुल गाँधी के अलावा राजद नेता मनोज झा, कॉन्ग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवसेना के संजय राउत, सीपीआईएम नेता इलामाराम करीम, सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, आईयूएमएल नेता मोहम्मद बशीर और डीएमके नेता तिरुचि शिवा मौजूद रहे। हालाँकि, विपक्षी नेता किसान संसद के ना ही डायस पर बैठे और न कुछ कहा।