वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ज्ञानवापी मस्जिद थी और इंशाअल्लाह कयामत तक ज्ञानवापी मस्जिद ही रहेगी। जब 19-20-21 साल का था तो बाबरी मस्जिद को हमसे छीन लिया गया, लेकिन अब फिर से 20-21 साल की उम्र के बच्चों के सामने ज्ञानवापी मस्जिद को नहीं खोएँगे।”
#ज्ञानवापी मस्जिद थी, और क़यामत तक रहेगी इंशा’अल्लाहpic.twitter.com/stNp8gneyl
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 16, 2022
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे भी इस बात का निश्चय करें कि किसी मस्जिद को कभी खोएँगे नहीं। इसके बाद उन्होंने भीड़ से हाथ उठवाकर नारा-ए-तकबीर का नारा लगवाया। ओवैसी ने आगे कहा, “इनको पैगाम मिलना चाहिए। मस्जिद को अब हम नहीं खोएँगे। हम तुम्हारे हथकंडों को जान चुके हैं। अब हम उनके दोबारा नहीं डसने देंगे। मस्जिद है और रहेगी। ज्ञानवापी मस्जिद, मस्जिद थी और अल्लाह जब तक दुनिया को कायम रखेगा, मस्जिद रहेगी इंंशाल्लाह और हमारा काम यह है कि हम अपना काम आबाद रखें। हमारा पहला काम अपने मोहल्ले-गाँवों की मस्जिदों की हिफाजत करना है। अगर हम अपने मोहल्ले-गाँवों की मस्जिदों को आबाद रखेंगे, तो ये शैतानी ताकतें, जो ललचाई हुई नजरों से हमको अपने तहजीब से महरूम करना चाहती है, इनको पैगाम मिल जाएगा कि अब दोबारा भारत का मुसलमान मस्जिद खोने को तैयार नहीं है।”
वहीं, विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब इन सबकी कयामत आने वाली है, ये खुद उसको आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे से पहले ये उसका विरोध कर रहे थे और बाधा ड़ाल रहे थे अब सब सच सामने आ गया तो ये हारे हुए कयामत की तरफ मुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी मस्जिद थी, मस्जिद है, मस्जिद रहेगी….इस तरह की बात कर रहे हैं, उसका क्या लाभ है।
उन्होंने कहा कि ओवैसी सांसद हैं और वे खुद को वकील बताते हैं फिर भी वे इस तरह मुस्लिमों को भड़काने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जब सच सामने आ गया है तो ओवैसी जैसे नेताओं के मुँह पर कालिख पुत गई है। उन्हें देश की जनता से माफी माँगनी चाहिए कि वे हिंदू समाज की आस्था को चोट पहुँचाने का काम कर रहे थे। इसके बजाय वे मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, मस्जिद में शिवलिंग के दावे को लेकर ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बुद्धि पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस बात से उनकी तरह देश का हर शिव भक्त खुश है। सदियों से नंदी बाबा की प्रतीक्षा थी कि कब भोलेनाथ मिलेंगे और वो उनके दर्शन करेंगे। अब कोर्ट कमिश्नर के माध्यम से सर्वे हुआ और उसमें शिवलिंग मिलने के बाद सब स्पष्टता हो गई है। इससे वो बहुत खुश हैं और इस खुशी को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिदविवादित ढाँचे में शिवलिंग होने का दावा अब हकीकत में बदल गया है। कोर्ट के आदेश के बाद चल रहे सर्वे के तीसरे दिन शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि कुएँ के अंदर सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है। इसके बाद कोर्ट ने जिला प्रशासन को उस जगह को सील कर संरक्षित करने का आदेश दिया है।