उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (अप्रैल 23, 2021) को प्रदेश के लिए ‘ऑक्सीजन मॉनिट्रिंग सिस्टम’ की शुरुआत की। इस सिस्टम के तहत 24*7 (सातों दिन, 24 घंटे) पूरे राज्य भर में होने वाली ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम की लाइव मॉनिट्रिंग होगी ताकि जरूरत के हिसाब से प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन दी जाए।
मॉनिट्रिंग सिस्टम पर हर जिले के अस्पतालों में जरूरत पड़ने वाली ऑक्सीजन की न केवल लाइव जानकारी होगी बल्कि इसके साथ उन अस्पतालों को आवंटित ऑक्सीजन लेकर जा रहे वाहन और उस वाहन की हाइवे पर लाइव लोकेशन आदि सबकी ट्रैकिंग होगी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में बताया कि यह प्लेटफॉर्म प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, परिवहन एवं गृह विभाग के सहयोग से रोडिक कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड (Rodic Consultants Pvt Ltd) द्वारा तैयार किया गया है। इस कंपनी के प्रतिनिधि ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मौजूद रहकर समयबद्ध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
We’ve started Oxygen monitoring system. A Command Control Centre setup at Home Dept, Lucknow. Through this, Mgmt Info System’s live report on movement of Oxygen tankers can be monitored. Software’s dashboard will analyse & inform if tanker is getting delayed: Addl Chief Secy,Home pic.twitter.com/VeDxaoyiQ2
— ANI UP (@ANINewsUP) April 24, 2021
अवस्थी ने जानकारी दी कि इसके लिए वेब पोर्टल लिंक तैयार किया गया है, जिसको ऑक्सीजन सप्लाई चेन से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रयोग किया जा सकेगा। कंपनी के प्रतिनिधि अस्पताल की ऑक्सीजन आवश्यकता का विवरण पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
पोर्टल पर ऑक्सीजन सप्लाई में लगे वाहनों की ऑनलाइन उपस्थिति को ट्रैक करते हुए निकटस्थ वाहन को अस्पताल के लिए रवाना किया जाएगा। इससे एक ओर अस्पतालों की ऑक्सीजन की माँग जल्द पूरी होगी, वहीं निर्धारित वाहन के पहुँचने में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
उनके अनुसार, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों की रियल टाइम लोकेशन इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी। कंपनी के प्रतिनिधि रिफिल स्टेशन पर भी उपस्थित रह कर इस काम में सहयोग करेंगे। इसके अलावा यह भी कोशिश की जा रही है कि हर ऑक्सीजन वाहन पर ड्राईवर की पर्याप्त संख्या हों, ताकि बिना किसी परेशानी के उनका आवागमन हो सके।