Sunday, November 3, 2024
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तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों के साथ हिंसा पर पप्पू यादव ने एक और वीडियो किया शेयर, कहा- मामले को दबाने के लिए पत्रकारों पर केस

"क्या यह भी झूठ है? क्या यह भी अफवाह है? कब तक बिहार के नेतृत्वकर्ता तमिलनाडु पुलिस के हाथों का खिलौना बने रहेंगे?"

तमिलनाडु में हिंदी भाषी खासकर बिहार के श्रमिकों के साथ कथित हिंसा के दावों को राज्य सरकार और पुलिस झुठला रही है। कई लोगों पर केस भी किए गए हैं। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि ऐसा मामले को दबाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें श्रमिक तमिलनाडु में हुई हिंसा के बारे में बात कर रहे हैं।

7 मार्च 2023 को किए गए इस ट्वीट में पप्पू यादव ने कहा है, “क्या यह भी झूठ है? क्या यह भी अफवाह है? कब तक बिहार के नेतृत्वकर्ता तमिलनाडु पुलिस के हाथों का खिलौना बने रहेंगे? वैसे बिहार पुलिस जिस तरह से इस मामले को दबाने के लिए पत्रकारों पर केस कर रही है तो बीजेपी की मक्कार सरकार और इनमें क्या अंतर रह गया?”

इस ट्वीट के साथ पूर्व सांसद ने दो मिनट 11 सेकेंड का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें एक युवक कह रहा है कि 3 मार्च की शाम करीब 7 बजे वह ड्यूटी कर अपने कमरे लौट रहा था तो दो तमिल उसके पास आए। उन लोगों ने उससे एक जगह का नाम पूछा। इसके बाद उस पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में उसके सीने, पेट और पीठ और गर्दन में चोट लगी है। उसने हमलावरों पर मोबाइल और पैसे छीनने के भी आरोप लगाए हैं। साथ ही बताया है कि वह किस तरह जान बचाकर भागने में सफल रहा।

अपने साथ हिंसा का दावा करने वाले इस युवक का यह भी कहना है कि एक स्थानीय हॉस्पिटल में उसका इलाज मालिक ने करवाया। मालिक ने उससे कहा कि यदि वह हमले को लेकर शिकायत दर्ज कराता है तो हॉस्पिटल में उसका इलाज नहीं होगा। वीडियो की शुरुआत में युवक अपने घाव दिखाता हुए देखा जा सकता है।

वीडियो में एक अन्य युवक कहता है कि इसने हिंदी में बात किया तो उन लोगों ने चाकू निकालकर हमला कर दिया। वहीं, एक और युवक कहता है बिहारियों को जानवर की तरह काटा-मारा जा रहा है। वहाँ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

बता दें कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों के साथ हुई कथित हिंसा को लेकर पप्पू यादव शुरुआत से ही मुखर हैं। 6 मार्च को उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ कुछ हुआ ही नहीं, मैं यह मानने को तैयार नहीं हूँ। सरकार दबाव डाल मामले को छिपा रही है। क्या संयोग है 10-15 दिनों में बिहार, झारखंड, यूपी के कई मजदूरों की वहाँ मौत हुई। पुलिस के अनुसार सब के सब दुर्घटना में या आपसी लड़ाई में मारे गये? ऐसा कैसे हुआ?”

उससे पहले 5 मार्च को ट्वीट कर पप्पू यादव ने तमिलनाडु में मारे गए सिकंदरा जमुई के धधौर गाँव निवासी पवन यादव के घर पर होने की बात कही थी। उन्होंने लिखा था, “बिहार के बल पर राजनीतिक सुख सुविधा भोगने वाले कोई होली खेलने में तल्लीन हैं तो कोई तमिलनाडु प्रशासन के पिट्ठू बन गए हैं। पर हम तो लड़ेंगे, न्याय लेकर रहेंगे।”

गौरतलब है कि तमिलनाडु पुलिस हिंसा के दावों के साथ सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को फर्जी बता चुकी है। पुलिस का कहना है कि अधिकांश वायरल वीडियो का बिहार के श्रमिकों के साथ हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी हिंदी भाषियों के साथ किसी भी घटना से इनकार कर रहे हैं। बिहार सरकार भी तमिलनाडु सरकार के सुर में बात करती दिख रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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