पटना के कई इलाके अब भी जलमग्न हैं। बिहार की राजधानी की यह हालत क्यों है, यह मेयर सीता साहू के एक वायरल वीडियो से समझा जा सकता है। उन्हें यह भी नहीं पता है कि जल निकासी के लिए पटना में कितने संप हाउस हैं। नगर निगम का नाला उड़ाही का बजट कितने का है, जबकि जल निकासी निगम की मुख्य जिम्मेदारी होती है।
प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पहुँची पटना की मेयर सीता साहू पत्रकारों के सवालों से कुछ इस तरह घिरीं कि पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पटना में 49 संप हाउस काम कर रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि पटना में कुल 39 संप हाउस ही हैं। ये आँकड़ा जब उनके साथ बैठे पार्षदों ने दिया तो वह सकपका गईं। उसके बाद मेयर यह भी नहीं बता पाईं कि अभी जल निकासी के लिए कितने संप हाउस चल रहे हैं?
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने भीषण जलजमाव के लिए सरकार को दोषी ठहरा दिया। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि राजधानी में जिस प्रकार का जलजमाव हुआ है, उसकी ज़िम्मेदारी बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बुडको) की है। इसके लिए नगर निगम ज़िम्मेदार नहीं।
इतना ही नहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे जब पूछा गया कि इस भीषण जल-जमाव के लिए वह ज़िम्मेदारी लेंगी, तो उन्होंने कहा कि हम लोग कैसे जिम्मेदार हो गए? संप हाउस के परिचालन की ज़िम्मेदारी बुडको की है। संप हाउसों का पंप नहीं चला, इस कारण राजधानी का पानी नहीं निकल पाया। उनकी ग़लती है तो हम इसकी ज़िम्मेदारी लेकर इस्तीफ़ा क्यों दें?
मेयर साहिबा से एक पत्रकार ने सवाल किया कि आप आठ दिनों बाद दिख रही हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हम फील्ड में थे। लोगों की स्थिति की जानकारी ले रहे थे। जलजमाव वाले क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे थे।
मेयर ने कहा कि हमने नाला की सफाई कराई थी। संप हाउस के काम नहीं करने के कारण लोगों को परेशानी हुई। हालाँकि, प्रेस कॉन्फ्रेन्स में मेयर नाला उड़ाही का बजट नहीं बता पाईं।