नेतृत्व पर कॉन्ग्रेस पार्टी के भीतर का मतभेद हाल ही में सार्वजनिक हो गया था। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी संगठन में पूरी तरह फेरबदल को लेकर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी को पत्र लिखा था। हालॉंकि, पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पत्र लिखने वाले नेताओं की मंशा पर सवाल उठाते हुए उनकी आलोचना की गई थी।
कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि हर राज्य और जिला अध्यक्ष, यहाँ तक कि पूरे सीडब्ल्यूसी का भी चुनाव होना चाहिए। उन्होंने पार्टी के निर्धारित मानकों पर निशाना साधा और यहाँ तक कि गाँधी के नेतृत्व को लेकर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल किया।
The intention is to make Congress active & strong. But those who simply got ‘appointment cards’ continue to oppose our proposal. What’s the harm in having elected CWC members who will have stable tenures in the party: Ghulam Nabi Azad, Senior Congress leader https://t.co/PIFveKydjr
— ANI (@ANI) August 27, 2020
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आजाद ने कहा, “कॉन्ग्रेस के आंतरिक कामकाज में जिस किसी की भी वास्तविक रुचि होगी तो वह हर राज्य और जिले के अध्यक्ष के चुनाव के हमारे प्रस्ताव का स्वागत करेगा। पूरी कॉन्ग्रेस कार्यसमिति का चुनाव होना चाहिए।”
आजाद ने आगे ‘मनोनीत’ उम्मीदवारों की आलोचना करते हुए संकेत दिया कि पार्टी में एक गुट है जो नहीं चाहता कि पार्टी मजबूत हो। आजाद ने कहा,” हमारा इरादा कॉन्ग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाना है। लेकिन जिन लोगों को ‘अपॉइंटमेंट कार्ड’ मिले हुए हैं, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते हैं। सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुने जाने में क्या हर्ज है, जिनका पार्टी में तय कार्यकाल होगा।”
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में हाल ही में कहा गया था कि शशि थरूर ने पाँच महीने पहले कॉन्ग्रेस नेताओं के लिए एक डिनर पार्टी का आयोजन किया था। इसमें कथित रूप कॉन्ग्रेस पार्टी में बदलाव करने की माँग को लेकर विवादित पत्र को लेकर चर्चा की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, मणिशंकर अय्यर और सचिन पायलट सहित कई प्रमुख नेता डिनर में मौजूद थे। हालाँकि, उनके हस्ताक्षर सोनिया गाँधी को संबोधित 7 अगस्त के पत्र पर नहीं दिखाई दिए। हस्ताक्षरकर्ताओं ने पत्र में पार्टी आलाकमान से स्थायी और ‘सक्रिय’ नेता की माँग की थी।
गौरतलब है कि उस चिट्ठी ने कॉन्ग्रेस पार्टी में बवंडर मचा दिया था। हालाँकि बैठक में पार्टी अध्यक्ष पद के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय नहीं लिया गया। बाद में सोनिया गाँधी को वापस से अंतरिम अध्यक्ष घोषित करते हुए बैठक को समाप्त कर दिया गया था।
बैठक की समाप्ति के बाद अहमद पटेल सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने पत्र लिखने वाले नेताओं की आलोचना की थी। कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आज़ाद को भी पत्र को लेकर पार्टी के कई नेताओं की खुली आलोचना का सामना करना पड़ा था। वहीं अपने समापन भाषण में सोनिया गाँधी ने पत्र को लेकर निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पत्र लिखने वालों से बैर भाव नहीं है।