Sunday, November 17, 2024
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AAP सांसद संजय सिंह, कॉन्ग्रेस नेता उदित राज के संपर्क में था दिल्ली दंगे कराने वाला PFI सरगना: दिल्ली पुलिस सूत्र

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि मोहम्मद परवेज़ कॉन्ग्रेस के कई नेताओं से संपर्क में था। वह 'भीम आर्मी टॉप-100' नामक व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा वो एक 'यूनिफिकेशन ऑफ मुस्लिम लीडरशिप' नाम के ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था।

आज गुरुवार (मार्च 12, 2020) को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के सरगना परवेज़ और सेक्रेटरी इलियास को धर-दबोचा। दोनों पर शाहीन बाग प्रदर्शन की फंडिंग और दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों को भड़काने का आरोप है। हाल ही में गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस से जुड़े दंपति के लगातार संपर्क में भी दोनों थे। अब जाँच की आँच आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस तक पहुँच रही है। आप के सांसद संजय सिंह और ख़ुद को सबसे बड़ा दलित नेता बताने वाले कॉन्ग्रेस के उदित राज से भी परवेज़ लगातार संपर्क में था। पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि संजय सिंह के तार दंगाइयों से जुड़े हैं।

इसके अलावा पीएफआई और दंगाइयों की फंडिंग की भी जाँच की जा रही है। पीएफआई ने 73 बैंक एकाउंट्स खोल रखे थे, जिनमें 120.5 करोड़ रुपए जमा किए गए। रेहाब इंडिया फाउंडेशन से भी इसके लिंक जुड़े हुए हैं। 17 विभिन्न बैंकों में एकाउंट्स खोले गए थे। पीएफआई के बारे में ये बात भी पता चली है कि पिछले कुछ महीनों में उसे अधिकतर डोनेशन कैश के रूप में मिले हैं। इनमें से दो तिहाई धन बैंक में जमा किया गया था। चौंकाने वाली बात ये है कि एक तिहाई धन पीएफआई के शाहीन बाग़ स्थित मुख्यालय में रखा गया था।

पीएफआई के लोग देश भर में घूम कर अपने लोगों से डोनेशन के रूप में कैश पेमेंट लेते थे। इसके बाद इन रुपयों को वो हर क्षेत्र में अपने ख़ास हैंडलर्स के हवाले कर दिया करते थे। वो सभी एरिया हैंडलर्स दिल्ली के शाहीन बाग़ स्थित पीएफआई के मुख्यालय आकर उन रुपयों को जमा कर देते थे। मोहम्मद परवेज़ आलम पीएफआई दिल्ली का सरगना है और उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। पीएफआई की फंडिंग का अधिकतर हिस्सा सीएए के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन, उपद्रव और दंगों पर खर्च करने की बात कही जा रही है।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और कॉन्ग्रेस नेता उदित राज से पीएफआई के सरगना की लगातार बातचीत होती थी। इसके लिए कॉल, मैसेज और व्हाट्सप्प का इस्तेमाल किया जाता था। कपिल मिश्रा कई बार कहते रहे हैं कि अगर दंगाई ताहिर हुसैन के कॉल डिटेल की जाँच हो तो ये साफ़ हो जाएगा कि दंगों के समय वो संजय सिंह से लगातार संपर्क में था। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि मोहम्मद परवेज़ कॉन्ग्रेस के कई नेताओं से संपर्क में था। मोहम्मद परवेज़ कई भड़काऊ व्हाट्सप्प ग्रुप्स से भी जुड़ा हुआ है, जो दंगा फैलाने का काम करते हैं।

परवेज़ एक ‘भीम आर्मी टॉप-100’ नामक व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा वो एक ‘यूनिफिकेशन ऑफ मुस्लिम लीडरशिप’ नाम के ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था। अब देखना ये है कि ताबड़तोड़ हुई गिरफ़्तारियों के बाद और कितने राज़ खुलते हैं और कितने सफेदपोशों की पोल खुलती है। ये तो स्पष्ट हो गया है कि इन दंगो के पीछे एक बहुत बड़ा राजनीतिक संरक्षण था, जो सीएए विरोध से उपजा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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