Wednesday, November 6, 2024
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बेवजह ऑक्सीजन बाँट कॉन्ग्रेस थपथपा रही थी अपनी पीठ, विदेश मंत्री ने खोल दी पोल

''विदेश मंत्रालय ने फिलीपींस दूतावास से संपर्क कर पता लगाया था। वहाँ कोरोना का कोई भी मामला नहीं है, बेवजह आपूर्ति की जा रही है। इस तरह से ऑक्सीजन का सिलेंडर बाँटना गलत है, वो भी तब जब जरूरतमंद लोग सिलेंडर के लिए परेशान हो रहे हैं।"

कोरोना संकट काल में मदद को लेकर यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच ट्विटर पर बहस छिड़ गई है। बताया जा रहा है कि फिलीपींस दूतावास के आग्रह के बाद यूथ कॉन्ग्रेस की तरफ से ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद किए जाने को लेकर जयराम रमेश ने विदेश मंत्रालय पर तंज कसा है।

जयराम रमेश ने शनिवार (1 मई) को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “भारतीय युवा कॉन्ग्रेस के प्रयासों के लिए मैं उनका धन्यवाद करना चाहूँगा। एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं यह सोचकर स्तब्ध हो गया हूँ कि अब विदेशी दूतावास से आने वाले एसओएस कॉल, विपक्षी पार्टी की युवा शाखा अटेंड कर रही है। विदेश मंत्रालय सो रहा है क्या।”

जयराम रमेश द्वारा किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट

एक दिन बाद यानी रविवार (2 मई) को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जयराम रमेश के ट्वीट का करारा जवाब देते हुए लिखा, ”विदेश मंत्रालय ने फिलीपींस दूतावास से संपर्क कर पता लगाया था। वहाँ कोरोना का कोई भी मामला नहीं है, बेवजह आपूर्ति की जा रही है। आपको पता है कि सस्ती लोकप्रियता के लिए यह सब कौन कर रहा है। इस तरह से ऑक्सीजन का सिलेंडर बाँटना गलत है, वो भी तब जब जरूरतमंद लोग सिलेंडर के लिए परेशान हो रहे हैं।” एस जयशंकर ने आगे जोर देकर कहा कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी निम्न राजनीति कर रही है। इसके चलते ही वह जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर देने से इनकार कर रही थी।

उन्होंने आगे लिखा, “जयरामजी, विदेश मंत्रालय कभी नहीं सोता है। हमारे लोग दुनियाभर में हैं। हम जानते हैं कि कौन क्या करता है।”

हालाँकि, यह पहला मौका नहीं है जब कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अपनी टिप्पणी के जरिए विवादों को हवा दी है। बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहाँ के अन्य राजनेताओं ने पिछले साल दिसंबर में भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद जयराम रमेश ने तर्क दिया था कि नरेंद्र मोदी ने ह्यूस्टन में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ कहा है, इसलिए भारतीय आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप भी उचित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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