Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिराहुल गाँधी के बहनोई के करीबी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने...

राहुल गाँधी के बहनोई के करीबी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने की 14 जगहों पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार (अगस्त 07, 2020) को भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विभिन्न शहरों में कई परिसरों पर छापे मारे हैं। एजेंसी दिल्ली में एक दर्जन, गुड़गाँव और सूरत में एक-एक सहित कम से कम 14 परिसरों को कवर कर रही है।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के करीबी संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज 14 ठिकानों पर छापेमारी की है। गौरतलब है कि ईडी संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित करवाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा चुकी है।

अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार (अगस्त 07, 2020) को भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विभिन्न शहरों में कई परिसरों पर छापे मारे हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी दिल्ली में एक दर्जन, गुड़गाँव और सूरत में एक-एक सहित कम से कम 14 परिसरों को कवर कर रही है।

क्या है मामला

संजय भंडारी के खिलाफ CBI ने जून 2019 में एयरफोर्स को 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलाने के नाम पर कमीशन लेने के आरोप का मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि संजय भंडारी ने अपनी कंपनी Offset India Solutions Pvt Ltd के जरिए ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट देने वाली कंपनी Pilatus Aircrats Ltd के साथ मिलकर ये कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। बदले में Pilatus ने संजय भंडारी को 350 करोड़ रुपए दिए।

मामला प्रकाश में तब आया था जब उपरोक्त सौदे के लिए Pilatus Aircrats Ltd की निकटतम प्रतिद्वंद्वी रही दक्षिण कोरियाई कंपनी कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ ने पिलैटस को यह करार दिए जाने के खिलाफ तत्कालीन यूपीए सरकार से विरोध दर्ज कराया था। उनका दावा था कि पिलैटस की बोली के दस्तावेज़ अधूरे थे, और इसलिए उसे मिला हुआ करार रद्द होना चाहिए।

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ने इस मामले में भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी से बात की थी और उनसे इस निर्णय पर पुनर्विचार का आग्रह किया था। लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला, और अंत में यह अनुबंध पिलैटस को ही दिया गया था

गौरतलब है कि 2008 से 2012 की अवधि में, हथियार डीलर संजय भंडारी कॉन्ग्रेस सरकार के तहत सक्रिय रूप से अपने ‘बिज़नेस’ के लिए वापसी कर रहे थे और दसाँ (Dassault) के ऑफ-सेट पार्टनर बनने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास भी कर रहे थे। दसाँ ने संजय भंडारी के ऑफ-सेट पार्टनर बनने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

हालाँकि, भूमि सौदे को स्वीकार करते हुए, कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी को भूमि के विक्रेता एचएल पाहवा के साथ संबंधों पर चुप्पी ही साध रखी है। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -