प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (2 अप्रैल 2020) को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई दूसरी वीडियो कॉन्फ्रेन्स में लॉकडाउन की समाप्ति के बाद अपनाई जाने वाली साझा रणनीति पर चर्चा की। इसका मकसद लॉकडाउन खत्म होने पर सामान्य कामकाज में किसी तरह की देरी न हो यह सुनिश्चित करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक भारतीय के जीवन की रक्षा को सभी सरकारों का साझा लक्ष्य बताया।
मीडिया के अनुसार मोदी ने अगले कुछ हफ्तों के लिए ‘टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेटिंग और क्वारन्टाइन’ को सभी की पहली प्राथमिकता करार दिया। इसके लिए सभी जिला स्तर तक समन्वय बना कर काम करने की जरूरत बताई। मोदी ने कहा, “सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से अस्पताल की व्यवस्था हो। इलाज करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा के उपाय किए जाएँ। मैं आप सबसे यह भी निवेदन करता हूँ कि COVID-19 के उपचार के संबंध में डॉक्टरों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग की सुविधा भी प्रदान की जाए।”
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार कदमों जैसे पारम्परिक औषधियों के उपयोग पर जोर देने को कहा। उन्होंने आयुर्वेद तथा इस संदर्भ में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गईं गाइडलाइन्स का जिक्र करते हुए इनके पालन की सलाह दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज के एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम में गृह मंत्रालय ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के 9000 सदस्यों और उनके संपर्कों की पहचान कर ली गई है जिन्हें क्वारन्टाइन में रखा गया है। साथ ही सरकार ने कोरोना महामारी के लिए हॉटस्पॉट बन चुके इस तबलीगी जमात के 960 विदेशी सदस्यों का वीजा भी कैंसिल कर दिया है।
गृह मंत्रालय द्वारा पर्यटक वीजा पर तब्लीगी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है और साथ ही उनका भारतीय वीजा भी रद्द कर दिया गया है।
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) April 2, 2020
अब तक देश में कोरोना पॉजिटिव के जितने मामलों की पुष्टि हुई है उनमें से 20 फीसदी तबलीगी जमात से संबंधित बताए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने गुरुवार को प्रेस से बातचीत में जानकारी दी कि अभी तक जमात के जिन कार्यकर्ताओं और उनसे कांटेक्ट में आए लोगों की पहचान हो पाई है उनकी कुल संख्या 9000 है। इनमें 1306 विदेशी और बाकी हैं।