प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (12 जून 2021) को G-7 देशों की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने “वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता” का आह्वान करते हुए “भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी” पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार की वकालत की। वैश्विक स्वास्थ्य शासन में भारत की प्रतिबद्धता को भी उन्होंने दोहराया। इसके लिए सामूहिक प्रयासों का समर्थन करने पर भी बल दिया। कोरोना के कहर के लिए उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के खराब नेतृत्व की ओर इशारा किया। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पारदर्शिता की कमी के कारण ही कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को अपने घेरे में ले लिया है।
पीएम मोदी ने कॉन्फ्रेंस में “वन अर्थ, वन हेल्थ” का नारा दिया। इसका जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने समर्थन किया। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति रखने के भारत के प्रस्ताव को भी व्यापक स्तर पर समर्थन मिला है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की भारत की माँग का पुरजोर समर्थन किया है। ‘बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर हेल्थ’ टाइटल वाले इस सत्र में वैश्विक महामारी से उबरने और भविष्य की महामारियों के खिलाफ और अधिक सामंजस्य को लेकर चर्चा की गई।
वैक्सीन पेटेंट पर भारत को मिला ऑस्ट्रेलिया का साथ
पीएम मोदी ने विश्व व्यापार संगठन में कोरोना महामारी से जुड़ी दवाइयों व वैक्सीन को पेटेंट से मुक्ति दिलाने की कोशिश में जी-7 देशों की मदद भी माँगी। इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने अपने संबोधन में भारत व दक्षिण अफ्रीका की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव को पूरा समर्थन देने का एलान किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का पूरा समाज कोरोना से लड़ने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास कर रहा है। उन्होंने जी-7 की मीटिंग में कोरोना से मुकाबला करने की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए अपनाए गए डिजिटल तकनीक के बारे में बताया। इसके साथ ही पीएम ने दूसरे विकासशील देशों के साथ अनुभव और विशेषज्ञता को भी शेयर करने की देश की इच्छा के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जी-7 समेत दूसरे देशों द्वारा दिए गए समर्थन पर आभार व्यक्त किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।