Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिनर्मदा नहर परियोजना को पूरा करने के लिए बनासकांठा की महिलाओं के आशीर्वाद से...

नर्मदा नहर परियोजना को पूरा करने के लिए बनासकांठा की महिलाओं के आशीर्वाद से भावुक हुए पीएम मोदी, देखें वीडियो

एक वीडियो क्लिप सामने आया है जिसमें मंच से जब पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया जा रहा है तो वो भावुक होते नजर आए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन दिवसीय गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। वहीं पीएम मोदी ने आज मंगलवार (19 अप्रैल, 2022) को गुजरात के बनासकांठा जिले के दियोदर में बनास डेयरी संकुल में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न परियोजनाओं का जिक्र करते हुआ कहा कि इससे आत्मानिर्भर भारत अभियान को ताकत मिलेगी। वहीं अब एक वीडियो क्लिप सामने आया है जिसमें मंच से जब पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया जा रहा है तो वो भावुक होते नजर आए।

अपने गृह राज्य गुजरात आए पीएम मोदी का नर्मदा नहर परियोजना के लिए बनासकांठा की महिलाओं ने स्वागत किया। मंगलवार को शहर में पीएम मोदी की रैली में कई महिलाएँ भी पहुँची थीं और गुजरात के सबसे उत्तरी जिले बनासकांठा जिले में पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करने के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया।

जैसे ही महिलाओं ने उनका उत्साह बढ़ाया और आशीर्वाद दिया, रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए।

4edefa7f-684b-4d81-b3d1-b4e9b64e531b from OpIndia Videos on Vimeo.

पीएम मोदी को 30 सेकंड के इस क्लिप में 20 सेकंड पर इमोशनल होते देखा जा सकता है। ऐसा समय उस समय हुआ जब पीएम मोदी द्वारा उत्तरी गुजरात के जिलों में पानी पहुँचाने के लिए महिलाओं ने उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी के जनहितकारी कार्यों की जनता ने बेहद जोशीले अंदाज में स्वागत किया।

बता दें कि पीएम मोदी ने आज बनासकांठा के दियोदर में डेयरी परिसर, आलू प्रॉसेसिंग यूनिट और चीज़ और व्हे प्लांट के अलावा कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के बाद उन्होंने वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि शायद जीवन में पहली बार अवसर आया होगा कि एक साथ डेढ़, दो लाख माताएँ बहनें आज मुझे यहाँ आशीर्वाद दे रही हैं। हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि बनास डेयरी स्थानीय समुदायों, विशेषकर किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने का केंद्र बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा, “बनास डेयरी में विकास पहल किसानों को सशक्त बनाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। हम यहाँ देख सकते हैं कि कैसे सहकारी आंदोलन आत्मानिर्भर भारत अभियान को ताकत दे सकता है।”

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत प्रति वर्ष 8.5 लाख करोड़ रुपए कीमत के दूध का उत्पादन करता है और दुग्ध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति वर्ष गेहूँ और चावल की पैदावार भी 8.5 लाख करोड़ रुपए के दूध उत्पादन का मुकाबला नहीं कर पाती।

लोगों को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “गुजरात आज सफलता की जिस ऊँचाई पर है, विकास की जिस ऊँचाई पर है वो हर गुजराती को गर्व से भर देता है। इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में किया। गुजरात के बच्चों के भविष्य को, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सँवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक ताकत बन रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में विद्या समीक्षा केंद्र पूरे देश को दिशा दिखाने वाला केंद्र बन गया है। इस केंद्र की वजह से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 26% बढ़ गई है। शिक्षा के क्षेत्र में ये केंद्र पूरे देश में बड़े परिवर्तन ला सकता है।

पीएम मोदी ने कहा, “मैं भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों से भी कहूँगा कि विद्या समीक्षा केंद्र का अवश्य अध्ययन करें। विद्या समीक्षा केंद्र जैसा आधुनिक व्यवस्था का लाभ देश के जितने ज्यादा बच्चों को मिलेगा, उतना ही भारत का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -