प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सितंबर 18, 2020) बिहार का 86 साल पुराना सपना पूरा करते हुए राष्ट्र को कोसी रेल महासेतु समर्पित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
इस दौरान उन्होंने कृषि बिल के फायदे बताते हुए कहा कि जो इसका विरोध कर रहे हैं वे किसानों को धोखा दे रहे हैं। ऐसे लोग बिचौलियों के साथ खड़े हैं और बिल को किसान विरोधी बताकर दुष्प्रचार कर रहे हैं।
LIVE: PM Shri @narendramodi inaugurates Kosi rail mega bridge and other railway projects in Bihar via video conferencing. #BiharKaPragatiPath https://t.co/oV0vsJJ5HM
— BJP (@BJP4India) September 18, 2020
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, “आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब बिहार के लोगों को 300 किमी की ये यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। 300 किमी की ये यात्रा सिर्फ 22 किमी में सिमट जाएगी।”
करीब साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था। आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों आंचलों को आपस में जोड़ा जा रहा है। #BiharKaPragatiPath
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उन्होंने कहा, “बिहार में गंगाजी, कोसी, सोन नदियों के विस्तार के कारण, बिहार के अनेक हिस्से एक-दूसरे से कटे रहे हैं। नदियों के फैलाव वजह से होने वाला लंबा सफर बिहार के लोगों की एक समस्या रहा है। बिहार की इस बड़ी समस्या के समाधान के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।”
4 वर्ष पहले शुरू किए गए महासेतु कार्यों का जिक्र करते हुए पीएम बोले, “4 वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरु किए गए थे। इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है।”
4 वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरु किए गए थे।
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इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है। #BiharKaPragatiPath
86 साल पहले एक भूकंप के कारण मिथिला और कोसी क्षेत्र अलग हो गए थे। ऐसे में आज महासेतु के जरिए इनके जुड़ने पर प्रधानमंत्री ने कहा, “करीब साढ़े 8 दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था। आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों को आपस में जोड़ा जा रहा है।”
करीब साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था। आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों आंचलों को आपस में जोड़ा जा रहा है। #BiharKaPragatiPath
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उन्होंने कहा, आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा। यही नहीं, इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा।
पीएम मोदी ने बताया, आज भारतीय रेल के ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त कर, पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा चुका है। आज आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की प्रतीक, वंदे भारत जैसी भारत में बनी ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा होती जा रही हैं। बीते 6 साल से भारतीय रेल को नए भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का प्रयास किया जा रहा है। आज भारतीय रेल, पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है।
रेलवे के आधुनिकीकरण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ बिहार और पूर्वी भारत को मिल रहा है। Make In India को बढ़ावा देने के लिए मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री और मढ़ौरा में डीजल लोको फ़ैक्ट्री स्थापित की गई हैं। इन परियोजनाओं से बिहार में लगभग 44 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।
प्रदेश में सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि बिहार में जिस तरह की परिस्थितियाँ रहीं हैं, उसमें रेलवे लोगों के आने-जाने का बहुत बड़ा साधन रही है। ऐसे में बिहार में रेलवे की स्थिति को सुधारना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है। 2014 के पहले के 5 सालों में बिहार में सिर्फ सवा तीन सौ किलोमीटर नई रेल लाइन शुरू हुई थी। 2014 के बाद के 5 सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन कमीशन हो चुकी हैं।
परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कोरोना के समय में रेलवे के काम की प्रशंसा की और लाखों कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश के लाखों श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित घर पहुँचाने के लिए रेलवे ने दिन-रात एक कर दिया था।
बिहार में नीतीश सरकार की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार से पहले प्रदेश में एक दो मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। पर, आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें से अनेक बीते कुछ वर्षों में ही बनाए गए हैं। कुछ दिन पहले ही बिहार में एक नए AIIMS की भी स्वीकृति दे दी गई है।
किसानों को भी दी बधाई
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “मैं देश के किसानों को इन विधेयकों के लिए बधाई देता हूँ। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं। लेकिन कुछ लोग जो दशकों तक सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया है, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणा पत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। आज जब वही चीजें भाजपा-एनडीए सरकार कर रही है, तो ये भाँति-भाँति के भ्रम फैला रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को MSP का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूँ इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है। हमारी सरकार किसानों को MSP के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।”
पीएम ने कहा, “कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहाँ चाहे वहाँ बेच सकता है। लेकिन केवल किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। अब नए प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा।”