प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हो रहे संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन COP26 को दूसरे दिन संबोधित करते हुए दुनिया को जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों के बारे में चेताया। पीएम मोदी ने IRIS की लॉन्चिंग को लेकर कहा, “IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूँ। IRIS के माध्यम से सिड्स को technology, finance, जरूरी जानकारी तेजी से Mobilise करने में आसानी होगी। Small Island States में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहाँ जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा।”
IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूं।
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2021
IRIS के माध्यम से सिड्स को technology, finance, जरूरी जानकारी तेजी से mobilise करने में आसानी होगी।
Small Island States में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा: PM @narendramodi
उन्होंने कहा, “भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी। इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में समय से जानकारी मिलती रहेगी। मेरे लिए CDRI या IRIS सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है बल्कि ये मानव कल्याण के अत्यंत संवेदनशील दायित्व का हिस्सा है। ये मानव जाति के प्रति हम सभी की कलेक्टिव जिम्मेदारी है। ये एक तरह से हमारे पापों का साझा प्रायश्चित है।”
भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी।
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इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में timely जानकारी मिलती रहेगी: PM @narendramodi
मेरे लिए CDRI या IRIS सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है बल्कि ये मानव कल्याण के अत्यंत संवेदनशील दायित्व का हिस्सा है।
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ये मानव जाति के प्रति हम सभी की कलेक्टिव जिम्मेदारी है।
ये एक तरह से हमारे पापों का साझा प्रायश्चित है: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ”पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि climate change के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है। चाहे वो विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है। इसमें भी climate change से सब से अधिक खतरा Small Island Developing States- सिड्स को है।”
पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि climate change के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है।
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चाहे वो विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है।
इसमें भी climate change से सब से अधिक खतरा Small Island Developing States- सिड्स को है: PM
इससे पहले उन्होंने सोमवार को कहा था, ”मैं इस चुनौती से निपटने के लिए आपको पंचामृत तत्वों की सौगात देना चाहता हूँ।” उन्होंने कहा, “पहला- भारत, 2030 तक अपनी जीवाश्म रहित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुँचाएगा। दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें, रीन्यूएबल एनर्जी से पूरी करेगा। तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक अरब टन की कमी को पूरी करेगा। चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा और पाँचवाँ- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।”
क्लाइमेट चेंज पर इस वैश्विक मंथन के बीच, मैं भारत की ओर से, इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं।
— PMO India (@PMOIndia) November 1, 2021
पहला- भारत, 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा: PM @narendramodi
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा।
— PMO India (@PMOIndia) November 1, 2021
और पांचवा- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा: PM @narendramodi
India’s Panchamrut that will power our fight against climate change. pic.twitter.com/H6kV7IlCd4
— Narendra Modi (@narendramodi) November 2, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से इतर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की। प्रधानमंत्री देउबा के पदभार ग्रहण करने के बाद हुई इस पहली मुलाकात में दोनों नेताओं ने हमारे घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। जलवायु, कोविड-19 पर भी चर्चा की और महामारी से उबरने की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।”
PM @narendramodi met PM of Nepal @SherBDeuba today. In their first engagement since PM Deuba assumed office, the two leaders discussed ways to further strengthen our close bilateral ties.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) November 2, 2021
Also discussed climate,COVID-19 & resolved to work together toward post pandemic recovery. pic.twitter.com/v2u1X3gkfj
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दुनिया को याद दिलाते हुए कहा था कि भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के किसानों के लिए क्लाइमेट बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि फसलों के पैटर्न में बदलाव आ रहा है और बेमौसम बारिश, बाढ़ और लगातार आ रहे तूफानों से किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल के स्रोत से लेकर वहन करने योग्य मकान तक, सभी को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने इस संदर्भ मेरे तीन विचार पेश किए।