प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 जून, 2022) को महाराष्ट्र के पुणे में जगद्गुरु श्रीसंत तुकाराम मंदिर का उद्घटान किया। इस दौरान महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री व NCP नेता अजीत पवार और नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद रहे। देहु रोड स्थित शिला मंदिर में संत तुकाराम की प्रतिमा का उद्घटान करने वाले पीएम मोदी ने इस दौरान सिल्क की एक विशेष पगड़ी पहन रखी थी, जिसे गिरीश मुरुडकर और उनकी कलाकारों की टीम ने तैयार किया है।
इस पगड़ी पर 17वीं शताब्दी के संत तुकाराम के बोल भी लिखे हुए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ संतों का सत्संग है और उन संतों की कृपा अनुभूति हो गई, तो ईश्वर की अनुभूति अपने आप हो जाती है। पीएम ने बताया कि उन्हें आज देहू की इस पवित्र तीर्थ-भूमि पर आकर मुझे ऐसी ही अनुभूति हो रही है। उन्होंने जानकारी दी कि अभी कुछ महीने पहले ही उन्हें पालकी मार्ग में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने के लिए शिलान्यास का अवसर मिला था।
प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग का निर्माण 5 चरणों में होगा और संत तुकाराम पालकी मार्ग का निर्माण 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है। उन्होंने इसे पवित्र स्थान बताते हुए इसके पुनर्निमाण करने के लिए मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त भी किया।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत शाश्वत है, क्योंकि भारत संतों की धरती है। हर युग में हमारे यहाँ देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है। आज देश संत कबीरदास की जयंती मना रहा है। संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा का वो बोध उनके ‘अभंगों’ के रूप आज भी हमारे पास है। इन अभंगों ने हमारी पीढ़ियों को प्रेरणा दी है। जो भंग नहीं होता, जो समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वही तो अभंग होता है
पीएम मोदी ने कहा कि संत तुकाराम जी कहते थे कि समाज में ऊँच-नीच का भेदभाव बहुत बड़ा पाप है। बकौल पीएम मोदी, उनका ये उपदेश जितना ज़रूरी भगवतभक्ति के लिए है, उतना ही महत्वपूर्ण राष्ट्रभक्ति और समाजभक्ति के लिए भी है। उन्होंने कहा कि आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र पर चल रहा है और सरकार की हर योजना का लाभ हर किसी को बिना भेदभाव के मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने इतिहास याद दिलाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई और आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर को जब सज़ा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे। पीएम ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए आज ये हमारा दायित्व है कि हम अपनी प्राचीन पहचान और परम्पराओं को चैतन्य रखें। इसलिए, आज जब आधुनिक टेक्नोलॉजी और इनफ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं तो हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास और विरासत दोनों एक साथ आगे बढ़ें।