तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध शुरू हुआ ‘किसान आंदोलन’ अब भी जारी है और लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद ये और तेज़ हो गया है। इन सबके बीच ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत, जो इस आंदोलन का मुख्य चेहरा हैं – लगातार उलूल-जुलूल बयान दिए जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने लखीमपुर हिंसा मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को राकेश टिकैत ने क्रिया की प्रतिक्रिया करार दिया था।
अब उन्होंने कहा है कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काले हैं तो नरेंद्र मोदी पूरे देश के लिए ‘काला’ है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पहुँचे राकेश टिकैत ने बुधवार (13 अक्टूबर, 2021) को ये बयान दिया। उन्होंने कहा, “कृषि कानून आज नहीं तो एक साल बाद हटेंगे। ये लोग बिजली के प्राइवेटाइजेशन में लगे हैं। लोगों को 15 रुपए प्रति यूनिट बिजली दिए जाने की तैयारी है। 26 अक्टूबर को लखनऊ की बैठक में हम आगे की रणनीति तय करेंगे।”
राकेश टिकैत ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की गिरफ्तारी तक आंदोलन चलाने का ऐलान किया। टिकैत ने ये भी कहा कि अजय मिश्रा के नाम के आगे मिश्रा मत लगाओ, वह टेनी है। हाल ही में उन्होंने ये भी कहा था कि कि लाठी उठाना पड़ेगा। भुगतान को लेकर उन्होंने कहा था, “लाठी उठाने से पैसे मिलेंगे। यह सरकार बहुत बेशर्म है।” सिरसा में तो उन्होंने दावा कर दिया था कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले किसी बड़े हिन्दू नेता की हत्या होगी।
किसानों के लिए कानून काला है, देश के लिए मोदी काला है – राकेश टिकैत
— Alok Kumar (@dmalok) October 13, 2021
प्रधानमंत्री एक व्यक्ति जरूर होता है पर संविधान की नज़र में एक संस्था है। उसके बारे में इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं । #rakeshtikait #UttarPradesh #Lakhimpur #NarendraModi pic.twitter.com/qzYnUj7bzv
याद दिला दें कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार (अक्टूबर 9, 2021) को कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की लिंचिंग को वह गलत नहीं मानते। उन्होंने कहा था , “जो हुआ वो गलत नहीं था। मैं उनको दोषी नहीं मानता।” उनका कहना था कि पीट-पीट कर मारना उनकी नजर में हत्या नहीं है। ये बातें ‘किसान नेता’ ने दिल्ली प्रेस क्लब में मीटिंग के दौरान कही थीं।