8 राज्यों की 57 सीटों पर शनिवार (2 जून, 2024) को 7वें व अंतिम चरण का मतदान होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पोलिंग का समापन हो जाएगा। परिणाम 4 जून को आने हैं, ऐसे में बिच में 2 दिन का समय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो 200 से भी अधिक रैली और रोडशो करने के अलावा 80 से अधिक मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू भी दे चुके हैं, इस छोटी सी अवधि का भी सकारात्मक इस्तेमाल करेंगे। वो ये 2 दिन तमिलनाडु के कन्याकुमारी में गुजारेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान उस शिला पर ध्यान लगाएँगे, जहाँ कभी स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। वो सातवें चरण के लिए प्रचार-प्रसार का शोर थमने के साथ थी 30 मई को ही कन्याकुमारी पहुँच जाएँगे। याद दिला दें कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले भी उन्होंने तमिलनाडु में भगवान श्रीराम से जुड़े मंदिरों में दर्शन किया था। पीएम मोदी सुदूर दक्षिण भारत में ध्यान लगा कर राष्ट्रीय एकता का भी परिचय देंगे, ये संदेश देंगे कि भारत एक है और यहाँ की संस्कृति एक है।
विवेकानंद शिला पर ध्यान धरने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ‘विवेकानंद रॉक मेमोरियल’ का भी दौरा करेंगे। वहाँ स्थित ‘ध्यान मंडपम’ में वो 30 मई की शाम से लेकर 1 जून की शाम तक रहेंगे। कन्याकुमारी में ही विवेकानंद के भीतर ‘भारत माता’ के विचार को जन्म दिया था। जो स्थान गौतम बुद्ध के जीवन में सारनाथ का है, वही विवेकानंद के जीवन में इस स्थल का। देशाटन के दौरान वो यहाँ पहुँचे थे और सागर की लहरों के बीच लगातार 3 दिनों तक ध्यान लगाया था।
PM Modi will meditate at Vivekanand Rock Memorial, Kanyakumari on May 31
— Great Indian Saga (@greatindiansaga) May 28, 2024
Here at Dhayan Mandapam Swami Vivekananda meditated 3 days & got the vision of Bharat Mata
Goddess Parvati also believed to have waited here for Lord Shiva while mediating
East & west coast meets here pic.twitter.com/XyTPKhSXRO
अगर पौराणिक इतिहास की बात करें तो मान्यता है कि यहीं पर माता पार्वती ने अपने पति भगवान शिव का इंतज़ार करते हुए एक पाँव पर साधना किया था। ये भारत के सबसे दक्षिणी छोर है, जहाँ हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन होता है, जहाँ भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटों का मिलन होता है। पीएम नरेंद्र मोदी इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव का मतदान खत्म होने के बाद केदारनाथ पहुँचे थे और वहाँ गुफा में ध्यान लगाया था, वहीं 2014 में वो छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ किला पहुँचे थे जहाँ मराठों ने बीजापुर सल्तनत को पटकनी दी थी।