Saturday, November 16, 2024
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गाँधी या गोडसे पर बयान देने वालों को मैं मन से माफ़ नहीं कर पाऊँगा: PM मोदी

प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। हालाँकि प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली है।

महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान के बाद भोपाल सीट से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर विवादों में घिरती जा रही हैं। उनके इस बयान पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से नाराज़ नज़र आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साध्वी के इस बयान पर कड़ी निंदा व्यक्त की। उन्होंने सख़्त लहज़े का इस्तेमाल करते हुए कहा, “गाँधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए वो बहुत वह ख़राब हैं।” इसके आगे उन्होंने कहा, “ये अलग बात है कि उन्होंने माफ़ी माँग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगा।”

बता दें कि पीएम मोदी ने भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उम्मीदवारी को अपना समर्थन दिया था। लेकिन साध्वी के बयान के चलते बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा। वहीं, विपक्ष ने इस मामले पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब भोपाल सीट पर चुनाव हो जाने के बाद दु:ख व्यक्त करने से क्या लाभ, इसके लिए उन्हें पहले सोचना चाहिए था।

इससे पहले, रविवार (मई 19, 2019) को होने वाले आखिरी चरण के मतदान से पहले भाजपा नेताओं की तरफ से गोडसे पर दिए गए बयान से पार्टी ने किनारा कर लिया है और साथ ही नोटिस भी भेजा है। इन नेताओं में भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और सांसद नलीन कतील का नाम शामिल है। इन तीनों नेताओं ने गोडसे को लेकर विवादित बयान दिया था।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी है कि नेताओं के बयानों को अनुशासन समिति के पास भेजा गया और उन्हें दस दिन दिनों के भीतर जवाब देना है। इस मामले में उन्होंने शुक्रवार (मई 17, 2019) को तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विगत 2 दिनों में अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आए हैं, वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।

अमित शाह ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि इन लोगों ने अपने बयान वापस लिए हैं और माफी भी माँगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है।

अपने तीसरे ट्वीट में शाह ने लिखा है कि अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब माँगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गई है।

दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। हालाँकि प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली है। वहीं, अनंत हेगड़ ने भी अपने ट्वीट के लिए माफी माँगते हुए कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था। उन्होंने कहा कि गाँधी के हत्यारे के लिए कोई सहानुभूति नहीं हो सकती।

बता दें कि, इससे पहले हेगड़े के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट हुआ था कि गोडसे के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है और माफी माँगने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही नलिन कतील ने भी अपने के लिए माफी माँगी है। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की तुलना गोडसे से करते हुए ट्वीट किया था, “गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को मारा लेकिन राजीव गाँधी ने 17000 को मारा। अब आप खुद तय कर लो कि कौन ज्यादा क्रूर है।” नेताओं के माफी माँगने के बाद भी पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। गौरतलब है कि कमल के हासन के द्वारा गोडसे को पहला हिन्दू आतंकवादी बताने के बाद से ही इस पर सियासी बवाल मचा हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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