महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान के बाद भोपाल सीट से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर विवादों में घिरती जा रही हैं। उनके इस बयान पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से नाराज़ नज़र आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साध्वी के इस बयान पर कड़ी निंदा व्यक्त की। उन्होंने सख़्त लहज़े का इस्तेमाल करते हुए कहा, “गाँधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए वो बहुत वह ख़राब हैं।” इसके आगे उन्होंने कहा, “ये अलग बात है कि उन्होंने माफ़ी माँग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगा।”
गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत ख़राब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं।
— BJP (@BJP4India) May 17, 2019
ये अलग बात है की उन्होंने माफ़ी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा: पीएम मोदी #DeshKaGauravModi
बता दें कि पीएम मोदी ने भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उम्मीदवारी को अपना समर्थन दिया था। लेकिन साध्वी के बयान के चलते बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा। वहीं, विपक्ष ने इस मामले पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब भोपाल सीट पर चुनाव हो जाने के बाद दु:ख व्यक्त करने से क्या लाभ, इसके लिए उन्हें पहले सोचना चाहिए था।
इससे पहले, रविवार (मई 19, 2019) को होने वाले आखिरी चरण के मतदान से पहले भाजपा नेताओं की तरफ से गोडसे पर दिए गए बयान से पार्टी ने किनारा कर लिया है और साथ ही नोटिस भी भेजा है। इन नेताओं में भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और सांसद नलीन कतील का नाम शामिल है। इन तीनों नेताओं ने गोडसे को लेकर विवादित बयान दिया था।
विगत 2 दिनों में श्री अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और श्री नलीन कटील के जो बयान आये हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2019
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी है कि नेताओं के बयानों को अनुशासन समिति के पास भेजा गया और उन्हें दस दिन दिनों के भीतर जवाब देना है। इस मामले में उन्होंने शुक्रवार (मई 17, 2019) को तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विगत 2 दिनों में अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आए हैं, वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
इन लोगों ने अपने बयान वापिस लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2019
अमित शाह ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि इन लोगों ने अपने बयान वापस लिए हैं और माफी भी माँगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है।
अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गयी है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2019
अपने तीसरे ट्वीट में शाह ने लिखा है कि अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब माँगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गई है।
My account was hacked since yesterday. There is no question of justifying Gandhi ji’s murder. There can be no sympathy or justification of Gandhi ji’s murder. We all have full respect for Gandhi ji’s contribution to the nation.
— Chowkidar Anantkumar Hegde (@AnantkumarH) May 17, 2019
दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। हालाँकि प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली है। वहीं, अनंत हेगड़ ने भी अपने ट्वीट के लिए माफी माँगते हुए कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था। उन्होंने कहा कि गाँधी के हत्यारे के लिए कोई सहानुभूति नहीं हो सकती।
बता दें कि, इससे पहले हेगड़े के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट हुआ था कि गोडसे के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है और माफी माँगने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही नलिन कतील ने भी अपने के लिए माफी माँगी है। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की तुलना गोडसे से करते हुए ट्वीट किया था, “गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को मारा लेकिन राजीव गाँधी ने 17000 को मारा। अब आप खुद तय कर लो कि कौन ज्यादा क्रूर है।” नेताओं के माफी माँगने के बाद भी पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। गौरतलब है कि कमल के हासन के द्वारा गोडसे को पहला हिन्दू आतंकवादी बताने के बाद से ही इस पर सियासी बवाल मचा हुआ है।