Saturday, December 21, 2024
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‘योगदान को मिटाने की हुई कोशिश, अब डंके की चोट पर…’: इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का PM मोदी ने किया अनावरण

"दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच में, सेनाओं के बीच में हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास बहुत देखा है। लेकिन, भारत ने पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए संयुक्त ड्रिल की परंपरा शुरू की है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (23 जनवरी, 2022) को दिल्ली के इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की भव्य होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। कुछ ही महीनों बाद यहाँ नेताजी की ग्रेनाइट की एक भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी। उनकी जयंती के अवसर पर सम्बोधन देते हुए पीएम मोदी ने नेताजी को ‘भारत माँ का वीर सपूत’ बताते हुए उनकी 125वीं जन्मजयंती पर पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन किया। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में वर्षों तक आपदा का विषय एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पास रहा था और इसका मूल कारण ये था कि बाढ़, अतिवृष्टि, ओले गिरना, इनसे बनी स्थितियों से निपटने का जिम्मा कृषि मंत्रालय के पास था। देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चल रहा था।

पीएम मोदी ने कहा कि 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए। उन्होंने बताया कि कैसे हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया और उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में ‘Gujarat State Disaster Management Act’ बनाया गया। उन्होंने जानकारी दी कि आपदा से निपटने के लिए गुजरात इस तरह का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना।

प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया की बाद में केंद्र सरकार ने गुजरात के कानून से सबक लेते हुए 2005 में पूरे देश के लिए ऐसा ही Disaster Management Act बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि NDMA की ‘आपदा मित्र’ जैसी स्कीम्स से युवा आगे आ रहे हैं और कहीं कोई आपदा आती है तो लोग विक्टिम्स नहीं रहते, वो वॉलंटियर्स बनकर आपदा का मुकाबला करते हैं। यानी, आपदा प्रबंधन अब एक सरकारी काम भर नहीं है, बल्कि ये ‘सबका प्रयास’ का एक मॉडल बन गया है।

पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच में, सेनाओं के बीच में हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास बहुत देखा है। लेकिन, भारत ने पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए संयुक्त ड्रिल की परंपरा शुरू की है। नेताजी कहते थे- ‘कभी भी स्वतंत्र भारत के सपने का विश्वास मत खोना, दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो भारत को झकझोर सके।’ आज हमारे सामने आज़ाद भारत के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य है। हमारे सामने आज़ादी के 100वें साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है।”

पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा, लेकिन ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे स्वाधीनता संग्राम में लाखों-लाख देशवासियों की तपस्या शामिल थी, लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की कोशिशें हुईं। पीएम मोदी ने इस पर ख़ुशी जताई कि आज आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है, ठीक कर रहा है।

उन्होंने कहा, “ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष, आज के ही दिन मुझे कोलकाता में नेताजी के पैतृक आवास भी जाने का अवसर मिला था। जिस कार से वो कोलकाता से निकले थे, जिस कमरे में बैठकर वो पढ़ते थे, उनके घर की सीढियाँ, उनके घर की दीवारें, उनके दर्शन करना, वो अनुभव, शब्दों से परे है। मैं 21 अक्टूबर, 2018 का वो दिन भी नहीं भूल सकता जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष हुए थे। लाल किले में हुए विशेष समारोह में मैंने आजाद हिंद फौज की कैप पहनकर तिरंगा फहराया था। वो पल अद्भुत है, अविस्मरणीय है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष कुछ ठान लेते थे तो फिर उन्हें कोई ताकत रोक नहीं पाती थी। उन्होंने संकल्प लिया कि हमें नेताजी सुभाष की ‘Can Do, Will Do’ स्पिरिट से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना है। पीएम मोदी ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में जो नए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, उनमें भी आपदा प्रबंधन से जुड़ी बारीकियों को प्राथमिकता दी गई है। आपात स्थिति में ये एक्सप्रेस वे विमान उतरने के काम आ सकें, इसका भी प्रावधान किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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