प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (14 जून 2022) को महाराष्ट्र पहुँचे। इस दौरान उन्होंने पुणे में तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। पीएम को पुणे में रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहुँचे। इस दौरान उनके साथ बेटे और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की सुरक्षा में शामिल एसपीजी कर्मियों ने कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कार से उतार दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अपने पिता उद्धव ठाकरे की गाड़ी में बैठकर पीएम से मिलने के लिए कोलाबा में नौसेना के हेलीपोर्ट आईएनएस शिकरा जा रहे थे। उद्धव ठाकरे की गाड़ी शिकारा हेलीपोर्ट पहुँची, तो वहाँ तैनात एसपीजी ने कार की चेकिंग कीं। कार में आदित्य ठाकरे को देख एसपीजी ने उन्हें नीचे उतार दिया।
इसकी वजह आदित्य ठाकरे का वीआईपी लोगों की लिस्ट में शामिल नहीं होना बताया जा रहा है। जिन वीआईपी लोगों को पीएम का स्वागत करना था, उस लिस्ट में आदित्य का नाम नहीं था। इसलिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने उन्हें गाड़ी से नीचे उतरने को कहा। कहा जा रहा है कि एसपीजी के इस रवैये से उद्धव ठाकरे और उनके बेटे काफी नाराज दिखे।
उद्धव ठाकरे ने एसपीजी से कहा कि आदित्य ठाकरे उनके बेटे के तौर पर पीएम को रिसीव करने नहीं आए हैं, बल्कि वह महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी दलील थी कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री होने के नाते आदित्य ठाकरे आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार पीएम मोदी का स्वागत कर सकते हैं। उद्धव ठाकरे से बहस के बाद आदित्य ठाकरे को एसपीजी ने पीएम के स्वागत की अनुमति दी गई।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और प्रोटोकॉल मंत्री आदित्य ठाकरे ने आज मुंबई में INS शिकारा हेलीपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी की। pic.twitter.com/Nd8z4bUQAk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2022
बता दें कि पुणे के देहू में पीएम मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक ही मंच पर थे। यहाँ पीएम और फडणवीस का मंच पर भाषण हुआ, अजित पवार का भाषण नहीं होने पर सियासत गरमा गई। एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने इसे महाराष्ट्र का अपमान बताया और कहा, “ये गंभीर बात है। राज्य के उपमुख्यमंत्री का अपमान है।”