इधर पूरा देश राम मंदिर भूमिपूजन के जोश में डूबा हुआ है, उधर राजस्थान में अशोक गहलोत अलग ही खेल में लगे हुए हैं। फ़िलहाल तो वो अपने विधायकों को लेकर जैसलमेर के होटलों में भागे हुए हैं। अब खबर आई है कि सभी विधायकों को वहाँ तनोट मातेश्वरी मंदिर में ले जाया गया है। वहीं 3 विधायकों के सचिन पायलट से संपर्क में होने की सूचना के बाद विधायकों के अकेले में फोन पर बात करने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
उक्त मंदिर 1200 वर्ष पुराना है। 80-90 विधायकों को वहाँ लेकर जाया जा रहा है। हालाँकि, कोरोना काल में मंदिर को बंद रखा गया था लेकिन मुख्यमंत्री की इस योजना के बाद मंदिर को खुलवाया गया है। सचिन पायलट के 3 करीबी विधायकों ने कहा है कि वो सीएम के तानाशाही रवैये से परेशान हैं और वो अपने सम्मान के लिए जरूर लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो अशोक गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते।
खबरों के अनुसार, गहलोत सरकार को सीआईडी ने सूचित किया है कि उनके खेमे के 3 विधायकों से सचिन पायलट गुट ने संपर्क साधा है। उन विधायकों के परिजनों के माध्यम से संपर्क साधने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद होटल में पहरेदारी और बढ़ा दी गई है। साथ ही विधायक अब फोन पर अकेले बात भी नहीं कर सकते। साथ ही सीआईडी में विश्वस्त कर्मियों की टीम को भी लगाया गया है, जो जैसलमेर जाएगी।
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को बदनाम करने के लिए जो षड्यंत्र रचा उसकी पोल खुली, सच्चाई
— Lokesh Ralawata (@LokeshRalawata_) August 5, 2020
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होटल के घेरे में 700 पुलिस अधिकारियों के अलावा अब सीआईडी को भी तैनात किया जाएगा। विधायकों को कह दिया गया है कि अगर उन्हें फोन पर किसी से बात करनी भी है तो वो अपने साथियों के बीच ही ऐसा करें, कहीं अकेले में जाकर नहीं। होटल के बाहर बैरिकेडिंग भी की गई है। कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला भी जैसलमेर में ही जाकर बैठे हुए हैं और बागियों को भाजपा से नाता तोड़ने की सलाह दे रहे हैं।
सचिन पायलट के करीबी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पायलट ने पंचायत से लेकर जिला स्तर तक काफी मेहनत की, लेकिन उन्हें ही सरकार में अलग-थलग करने का प्रयास होता रहा जिससे कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए। विधायक इंद्राज सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे उठाने नहीं दिया।
इधर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बड़े भाई और उर्वरक घोटाले में आरोपित अग्रसेन गहलोत पर ‘स्मगलिंग सिंडिकेट का भी हिस्सा होने का आरोप लगाया है। डीआरआई और कस्टम अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में यह आरोप लगाए गए थे। कस्टम ऑथोरिटी द्वारा जुलाई की शुरुआत में अग्रसेन गहलोत से जुड़े मामले की शिकायत दर्ज की गई थी।