लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बाबा वैराग्यनंद गिरी महाराज उर्फ़ मिर्ची बाबा ने यह दावा किया था कि अगर कॉन्ग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चुनाव हार जाएँगे तो वो जल समाधि ले लेंगे। लेकिन दिग्विजय सिंह, बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से 3.64 लाख से अधिक मतों से हार गए थे। अपना दावा झूठ साबित हो जाने पर मिर्ची बाबा अपने वादे के मुताबिक़ जल समाधि लेने भोपाल पहुँच गए।
ख़बर के अनुसार, जल समाधि लेने से रोकने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस उन पर कड़ी निगरानी रख रही है। इससे पहले उन्होंने 14 जून को ज़िला कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े को पत्र लिखकर रविवार (16 जून) को दोपहर में 2.11 मिनट पर जल समाधि की अनुमति माँगी थी। इसकी अनुमति न देते हुए भोपाल कलेक्टर ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने को कहा, जिससे बाबा की जान को कोई हानि न पहुँच सके।
ज़िला कलेक्टर की अनुमति न मिलने पर मिर्ची बाबा रविवार दोपहर को अपने बताए मुहुर्त (2.11 मिनट) के समय जल समाधि लेने तालाब तक नहीं पहुँच सके। पुलिस ने उन्हें होटल से बाहर ही नहीं निकलने दिया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाबा को जल समाधि लेने नहीं दिया जा सकता और इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि ऐसी अनुमति दी जाए।
वहीं, मिर्ची बाबा का कहना है कि वो अपने वादे के अनुसार जल समाधि लेना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दे रहा है। ग़ौरतलब है कि दिग्विजय सिंह को चुनाव में जिताने के लिए बाबा वैराग्यनंद ने यज्ञ करते समय यह घोषणा कर दी थी कि अगर दिग्विजय सिंह भोपाल सीट से चुनाव नहीं जीते तो वो समाधि ले लेंगे। जानकारी के अनुसार, उनकी इस घोषणा के बाद निरंजनी अखाड़े ने उन पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अखाड़े से निष्कासित कर दिया था।
इसके अलावा, मिर्ची बाबा के अधिवक्ता माजिद अली ने कहा, “गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में तपस्या के बाद बाबा भोपाल हवाई अड्डे पर उतरे हैं और इसके बाद से ही पुलिस लगातार उनकी निगरानी कर रही है।”