मेरठ में एनएच 58 पर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ राकेश टिकैत की तस्वीर वाले पोस्टर पर मचे बवाल के बाद इसे हटा दिया गया है। दरअसल, यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर राजनीतिक दल अपने-अपने हथकंडे आजमा रहा है। इस बीच मेरठ में अखिलेश-जयंत के साथ तिरंगा लहराते राकेश टिकैत की फोटो पोस्टर पर दिखी।
राकेश टिकैत की तिरंगा लहराने वाली फोटो के साथ इस पोस्टर पर लिखा था, “हार गया अभिमान, जीत गया किसान। सब याद रखा जाएगा।” पोस्टर पर एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ रालोद नेता जयंत चौधरी दिख रहे हैं तो बीच में तिरंगा लिए राकेश टिकैत दिखाई दे रहे हैं। भाकियू ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है। नेताओं ने कहा है कि इस पोस्टर से उनके संगठन का कुछ भी लेना-देना नहीं है। भाकियू ने स्पष्ट किया है कि उनका संगठन पूरी तरह अराजनीतिक है। किसी भी पार्टी से उनका कोई लेना-देना नहीं इसीलिए उनके नेता के चेहरे का चुनावी इस्तेमाल किसी को नहीं करना चाहिए।
भकियू कार्यकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने पोस्टर नहीं देखें हैं। लेकिन अगर ऐसे पोस्टर लगे हैं तो ये राजनीतिक स्टंट है। इनसे भकियू का कोई लेना देना नहीं है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि सिर्फ किसान हित में काम करते हैं। अगर कोई वोट के लिए राकेश टिकैत का फोटो लगा रहा है तो ये अनुचित है क्योंकि उनका यूनियन अराजनैतिक है। वैसे इस विवाद पर अखिलेश यादव या फिर जयंत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राकेश टिकैत ने भी आगे आकर कोई बयान नहीं दिया है।
जानकारी के अनुसार कृषि कानूनों की वापसी के बाद यूपी गेट बार्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक चला किसान आंदोलन खत्म हो गया है। वहीं, किसान नेता भी अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान आंदोलन के मुख्य चेहरा रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी आज गाजीपुर बॉर्डर छोड़ दिया है। गाजीपुर बॉर्डर से जब राकेश टिकैत रवाना हुए, तो उन्होंने सभी का धन्यवाद अदा किया। इस बीच उन पर फूलों की बारिश की गई। किसान गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने में जुटे हुए हैं। अभी भी बॉर्डर खाली होने में करीब 1 दिन का वक्त लग सकता है। क्योंकि काफी किसानों के टेंट अभी भी मौके से नहीं हटे हैं।