Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिबात बिहार की: 'पिता समान' नीतीश को PK ने बताया पिछलग्गू, JDU का पलटवार-...

बात बिहार की: ‘पिता समान’ नीतीश को PK ने बताया पिछलग्गू, JDU का पलटवार- पगला गए हैं

जदयू से निष्काषित किए जाने के सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ये नीतीश कुमार के अधिकार-क्षेत्र में आता है और उन्होंने जो ठीक लगा, किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर भाजपा के सतह मिल कर सरकार चलाने से बिहार का विकास होता, तब नीतीश के झुकने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती।

जदयू से निष्कासित कथित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि अब उनका पूरा फोकस आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर है। 2014 में मोदी लहर पर चढ़ कर मीडिया की नज़रों में ‘चाणक्य’ बने प्रशांत किशोर दिल्ली के हालिया चुनावों में अरविंद केजरीवाल की जीत के बाद आसमान की ऊँचाइयों में हैं। उन्होंने ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम के जरिए बिहार में 10 लाख युवाओं की एक विशाल टीम बनाने का संकल्प लिया है और साथ ही बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाया है। उन्होंने साफ़ इशारा कर दिया है कि वो नीतीश-मोदी के ख़िलाफ़ लॉबिंग के लिए पूरी ताक़त झोंक देंगे।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘पिछलग्गू नेता’ करार देते हुए कहा कि वो उन्हें अब भी अपने पिता के समान मानते हैं लेकिन कोई एक साथ महात्मा गाँधी और नाथूराम गोडसे का समर्थक नहीं हो सकता है। उनका इशारा नीतीश का भाजपा से गठबंधन की ओर था। उन्होंने दावा किया कि जदयू की विचारधारा को लेकर उनके और बिहार के मुख्यमंत्री के बीच कई बार चर्चा हुई और हर बार नीतीश ने गाँधी की राह पर चलने की बात दोहराई थी। किशोर ने दावा किया कि अब जदयू उस पार्टी के साथ गठबंधन में है, जो गोडसे के प्रति नरम रुख रखती है।

इधर जनता दल यूनाइटेड ने प्रशांत किशोर के बयान पर करारा पलटवार किया है। सीधा पार्टी सुप्रीमो को निशाना बनाए जाने से नाराज़ जदयू प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक ने कहा कि कोई व्यक्ति जब मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाता है, तभी इस तरह की बातें करता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रशांत कहते हैं कि नीतीश कुमार उनके पिता समान हैं, वहीं दूसरी तरफ वो उन्हीं के बारे में भला-बुरा कहते हैं। प्रशांत किशोर और जदयू, दोनों ही एक-दूसरे के प्रति आक्रामक हो उठे हैं। किशोर ने कहा था:

“लालू जी के समय और नीतीश जी के कार्यकाल की तुलना करें तो थोड़ा-मोड़ा विकास हुआ है। लेकिन, जब आप दोनों के कार्यकाल की तुलना करते हैं तो ये भी बताइए कि हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात की तुलना में बिहार आज कहाँ खड़ा है? अगर झारखण्ड को छोड़ दें तो बिहार आज भी देश का सबसे ग़रीब राज्य है। बिहार आज वहीं खड़ा है, जहाँ ये 2005 में था। नीतीश के गवर्नेंस मॉडल पर सवाल उठाने वाला आज कोई नहीं है। मैं उन सभी लोगों को अपने साथ जोड़ने जा रहा हूँ, जो बिहार को देश के 10 शीर्ष राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने का स्वप्न देखते हैं।”

जदयू से निष्काषित किए जाने के सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ये नीतीश कुमार के अधिकार-क्षेत्र में आता है और उन्होंने जो ठीक लगा, किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर भाजपा के सतह मिल कर सरकार चलाने से बिहार का विकास होता, तब नीतीश के झुकने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। उन्होंने अपना मिशन शुरू करने के लिए गुरुवार (फरवरी 20, 2020) का दिन चुना है।

पोस्ट डालो, पैसे पाओ: ममता बनर्जी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए प्रशांत किशोर की टीम लेकर आई नई स्कीम

अल्लाह मेहरबान तो PK पहलवान: मिलिए, चुनावी कैंपेन की दुनिया के ‘रामविलास’ से

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -