उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में योगी सरकार पर निशाना साधने पहुँची प्रियंका गाँधी वाड्रा के काफिले के साथ अजीबोगरीब घटना हुई। जिले से 15 किमी दूर बसवार गाँव से गुजरते हुए उनके काफिले में भेड़ों का झुंड घुसने से हड़कंप मच गया। प्रियंका के काफिले में भेड़ वाला वाकया तब हुआ, जब कॉन्ग्रेस महाचसचिव यमुना किनारे कार्यकर्ताओं के साथ टूटी नावें देखने जा रही थींं।
इस दौरान प्रियंका के काफिले की स्पीड बनी रही। लेकिन वहाँ मौजूद चरवाहे डंडा लेकर भेड़ों को भगाने लगे। उनकी चिंता थी कि कहीं भीड़ भाड़ वाले काफिले में उनके भेड़ गुम न जाएँ। चरवाहा गेंदा लाल बताते हैं कि उन्हें कुछ देर पहले ही पता चला था कि इंदिरा गाँधी की पोती, प्रियंका गाँधी यहाँ आईं।
काफिले में भेड़ों के झुंड के घुसने के बारे में गेंदा लाल ने कहा, “हमें तो सिर्फ इस बात का डर सता रहा था कि भीड़ के बीच हमारी कोई भेड़ कहीं खो ना जाए। लेकिन भगवान की कृपा से हमारी सभी 100 भेड़ें मिल गईं।”
बता दें कि प्रियंका के साथ हुए वाकये को सुन कर लोग इस पर हँस रहे हैं। घटना का मजाक उड़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के साथ भी एक अजीब वाकया हुआ। दरअसल वह जब पार्टी के एक वरिष्ठ नेता रामेश्वर पटेल को देखने डीएनएस अस्पताल गए तो वहाँ वह लिफ्ट ही गिर पड़ी, जिसमें वह अन्य नेताओं के साथ चढ़े थे।
लिफ्ट गिरने वाले वाकये को गंभीरता से देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार जिलाधिकारी द्वारा डीएनएस अस्पताल में हुई घटना की जाँच करवाई जाएगी।
कॉन्ग्रेस का डीएनएस अस्पताल में हुई घटना को लेकर कहना है कि एक बड़ा हादसा होते-होते टला। यदि लिफ्ट ओवरलोड होती तो चलती ही नहीं लेकिन लिफ्ट नीचे गिर गई। लिफ्ट का दरवाजा लॉक हो गया। 5 मिनट बाद उसे खोला गया। ये एक गंभीर लापरवाही है। ये सुरक्षा में खामी है। इसके पीछे जो भी दोषी हैं उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
मालूम हो कि जहाँ पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ हुई घटना पर कॉन्ग्रेस प्रशासन पर सवाल करने की कोशिश कर रही है, वहीं डीएनएस हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने लिफ्ट गिरने की बात से इनकार करते हुए कहा कि क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने से यह ऊपर जाने के बजाय अचानक नीचे की ओर जाकर बेसमेंट में पहुँच गई।
अधिकारी के मुताबिक हादसे के वक्त लिफ्ट में कमलनाथ समेत 13-14 लोग सवार थे। उन्होंने कहा, “लिफ्ट के नीचे की तरफ जाने के बाद लिफ्टमैन इसे बेसमेंट में ले गया और इसमें सवार कमलनाथ और दूसरे लोगों को बाहर निकाला। ये लोग बेसमेंट से सीढ़ियाँ चढ़कर अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर पहुँचे और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने के बाद दूसरी लिफ्ट से नीचे उतरकर आगे रवाना हुए।”