राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (25 जनवरी 2024) को देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने इस संबोधन में राम मंदिर से लेकर चंद्रयान, जी20 सम्मेलन, महिला आरक्षण विधेयक समेत भारत की तमाम उपलब्धियों की बात है और देश को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है।
President Droupadi Murmu addresses the nation on the eve of Republic Day
— ANI (@ANI) January 25, 2024
"Tomorrow is the day when we celebrate the commencement of the Constitution. Its Preamble begins with the words “We, the People of India”,
highlighting the theme of the document, namely, democracy. In… pic.twitter.com/kyKwGMlp7u
राष्ट्रपति ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, “हमारी 75 वर्ष कि यात्रा कठिनाइयों से भरी रही है, लेकिन हमने इसे पूरा किया है। जब इसे पीछे मुड़कर देखा जाए तो मन गर्व से भर जाता है।” उन्होंने कहा कि यह देश का 75वाँ गणतंत्र दिवस है, इसलिए यह राष्ट्र के इतिहास में ऐतिहासिक पड़ाव है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह युगांतकारी परिवर्तन का कालखंड है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कर्पूरी ठाकुर को किया याद
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, “सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे श्री कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है। कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। उनका जीवन एक संदेश था। अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ।”
राम मंदिर का भी जिक्र
राष्ट्रपति के संबोधन में 22 जनवरी 2024 को सम्पन्न हुए राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जिक्र भी हुआ। उन्होंने कहा, “इस सप्ताह के आरंभ में हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे।”
राष्ट्रपति ने आगे कहा, “उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद, मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। अब यह एक भव्य संरचना के रूप में शोभायमान है। यह मंदिर न केवल जन-जन की आस्था को व्यक्त करता है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में हमारे देशवासियों की अगाध आस्था का प्रमाण भी है।”
महिला आरक्षण विधेयक और चंद्रयान पर भी की बात
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में संसद द्वारा पास किए गए महिला आरक्षण विधेयक और चंद्रयान पर भी बात की। उन्होंने महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने के विषय में कहा, “जब संसद ने ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया तो हमारा देश स्त्री-पुरुष समानता के आदर्श की ओर आगे बढ़ा। मेरा मानना है कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा। इससे हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी बहुत सहायता मिलेगी।”
चंद्रयान 3 की सफलता के साथ ही हाल ही में ISRO द्वारा लॉन्च किए गए सैटेलाईट के विषय को भी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन का हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा, “भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना। चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने एक सौर मिशन भी शुरू किया। हाल ही में आदित्य L1 को सफलतापूर्वक ‘Halo Orbit’ में स्थापित किया गया है। भारत ने अपने पहले एक्स-रे Polarimeter Satellite, जिसे एक्सपोसैट कहा जाता है, के प्रक्षेपण के साथ नए साल की शुरुआत की है।”
राष्ट्रपति ने इन विषयों के अलावा देश की अर्थव्यस्था और गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने संबधी विषयों पर भी बात की। उन्होंने विश्व में चल रहे युद्धों पर दुख जताया और इनके समाधान का रास्ता तर्क बताया। उन्होंने कहा कि हाल के दौर में विश्व में अनेक स्थलों पर लड़ाइयाँ हो रही हैं और दुनिया के बहुत से हिस्से हिंसा से पीड़ित हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “जब दो परस्पर विरोधी पक्षों में से प्रत्येक मानता है कि केवल उसी की बात सही है और दूसरे की बात गलत है तो ऐसी स्थिति में समाधान-परक तर्क के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए। दुर्भाग्य से तर्क के स्थान पर आपसी भय और पूर्वाग्रहों ने भावावेश को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण अनवरत हिंसा हो रही है।”
गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्ध-सैन्य बलों का भी कृतज्ञता-पूर्वक अभिनंदन राष्ट्रपति ने किया। उन्होंने कहा कि उनकी बहादुरी के बिना भारत ने जो भी हासिल किया यह करना मुश्किल था।