राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने बजट सत्र में सोमवार (31 जनवरी 2022) को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार का लेखा-जोखा पेश किया। इस दौरान उन्होंने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों को लगातार सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। वहीं, महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है। आइए जानते हैं राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें।
‘डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी का बढ़ता प्रसार’
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के UPI platform की सफलता के लिए भी, मैं सरकार के विजन की प्रशंसा करूँगा। दिसम्बर 2021 में, देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है। यह इस बात का उदाहरण है कि हमारे देश में जन-सामान्य द्वारा, बदलाव और तकनीक को बहुत तेजी से अपनाया जा रहा है।
‘अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं’
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार मूलभूत सुविधाओं को गरीब के सशक्तिकरण और गरीब की गरिमा बढ़ाने का माध्यम मानती है। पिछले वर्षों के अनवरत प्रयासों से प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के तहत गत तीन वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से एक करोड़ सत्रह लाख घर स्वीकृत किए गए हैं।
‘मुस्लिम बालिकाओं के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई’
उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है। मुस्लिम महिलाओं पर, केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है। वर्ष 2014 से पूर्व अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग तीन करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियाँ दी गई थीं, जबकि मेरी सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक ऐसे साढ़े चार करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान की हैं। इससे मुस्लिम बालिकाओं के स्कूल छोड़ने की दर में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है और उनके प्रवेश में वृद्धि देखी गई है।
‘किसानों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है मेरी सरकार’
उन्होंने आगे कहा कि मेरी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था और देश के किसानों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है। वैश्विक महामारी के बावजूद साल 2020-21 में हमारे किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ टन से अधिक बागवानी उत्पादों की पैदावार की। सरकार ने रिकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए रिकॉर्ड सरकारी खरीद की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के हमारे संकल्प के आधार पर आज लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। जो राज्य और क्षेत्र उपेक्षित छूट गए थे, आज देश उनके लिए विशेष प्रयास कर रहा है।
‘भारत विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बन गया है’
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार के निरंतर प्रयासों से, भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। देश में GST कलेक्शन पिछले कई महीनों से निरंतर, एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है। इस वित्त-वर्ष के पहले सात महीनों में 48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आना, इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत के विकास को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस समय 630 बिलियन डॉलर से ऊपर है।
उन्होंने कहा, “हमारा निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और पिछले रिकार्ड टूट रहे हैं। 2021 में अप्रैल से दिसम्बर के दौरान भारत का Goods निर्यात लगभग 300 बिलियन डॉलर, यानी 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है, जो कि 2020 की इसी अवधि की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है।”