Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'पिछली सरकारों को ISRO पर नहीं था भरोसा': वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने बताया कैसे...

‘पिछली सरकारों को ISRO पर नहीं था भरोसा’: वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने बताया कैसे कॉन्ग्रेस सरकार ने APJ अब्दुल कलाम को भी बजट देने में की थी आनाकानी

"इसरो के पास कोई जीप या कार नहीं थी। सिर्फ एक बस थी। वह भी शिफ्ट के हिसाब से चलती थी। ये सब तो ठीक है।"

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद क्रेडिट को लेकर सियासी खींचतान मची हुई है। कॉन्ग्रेस नेहरू से लेकर इंदिरा गाँधी तक को श्रेय देने में जुटी हुई है। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार के दौर में इसरो की हालत पर बात की। नंबी नारायण ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछली सरकारों को इसरो (ISRO) पर भरोसा नहीं था। भाजपा ने यह वीडियो शेयर कर कॉन्ग्रेस पर हमला बोला है।

वीडियो में नंबी नारायणन ने कहा है, “इसरो के पास कोई जीप या कार नहीं थी। सिर्फ एक बस थी। वह भी शिफ्ट के हिसाब से चलती थी। ये सब तो ठीक है। लेकिन जब अब्दुल कलाम पीएसएलवी-3 बनाने की कोशिश कर रहे थे, तब मुझे नहीं लगता है कि इतना बजट था जितने की माँग की जा रही थी। हालाँकि, बाद में बहुत अधिक समस्याएँ झेलने के बाद बजट दिया गया था। मैं इसके बारे में कोई शिकायत नहीं कर रहा हूँ लेकिन बात यह है कि सरकार को इसरो पर किसी प्रकार का भरोसा नहीं था।”

उन्होंने आगे कहा है, “इसके बाद जब हम पीएसएलवी के लिए बजट माँगने गए तब भी यही स्थिति थी। उस समय सबसे बड़ी समस्या सरकार की प्राथमिकता को लेकर थी। सरकार को भरोसा नहीं था। लेकिन बाद में समय के साथ इसरो ने अपने प्रदर्शन और सफलता के मामले में अपनी साख स्थापित की। इसरो पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त संस्थान के रूप में कार्य करने लगा और समर्पित लोग थे। इसके बाद जो हुआ वह सब जानते हैं।”

वहीं इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर करते हुए भाजपा ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा। भाजपा ने लिखा, “इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को सुनिए। यह कॉन्ग्रेस पर एक गंभीर आरोप है। कॉन्ग्रेस की अलग-अलग प्राथमिकताएँ थीं। उन्होंने कभी भी इसरो प्राथमिकता नहीं दी।  बजट नहीं दिया। इसरो के पास रिसर्च के लिए आने-जाने के कोई जीप या कार नहीं थी। सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्ट के हिसाब से चलती थी। तब से लेकर अब तक प्रधानमंत्री मोदी ने बजट बढ़ाया है। वह हमारे वैज्ञानिकों की सफलता और असफलता दोनों में उनके साथ खड़े हैं। यही कारण है कि भारत ने अंतरिक्ष मिशन में एक लंबा सफर तय किया है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -