पुणे से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार और पुणे प्रशासन, दोनों ही जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस के दौरान आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी के महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में विफल रहे हैं। भाजपा नेता और विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने केंद्र सरकार से मदद माँगते हुए इस बारे में ट्विटर पर लिखा है कि महाराष्ट्र एक बड़ी आपदा की ओर बढ़ रहा है।
शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र, पुणे के भाजपा विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। सिद्धार्थ शिरोले का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार कोरोना महामारी से निपटने में विफल रही है और राज्य बड़ी महामारी की स्थिति में है।
उन्होंने कहा कि पुणे प्रशासन निजी अस्पतालों के आधार पर चल रहा था, जो कि बुरी तरह से चरमरा गए हैं। सिद्धार्थ शिरोले ने ट्विटर पर लिखा, “पुणे एक बड़ी मेडिकल आपदा से बस कुछ ही दिन दूर है। राज्य सरकार नाकाम रही है।”
#Pune is a few days away from a medical catastrophe. State Govt. has failed. I on behalf of every Punekar have written to Hon. PM @narendramodi ji, Hon. HM @AmitShah ji, Hon. MoHFW @drharshvardhan ji, Shri. @Dev_Fadnavis ji and sought intervention from the Central Govt. (1/n) pic.twitter.com/bqDWKBwVWP
— Siddharth Shirole (@SidShirole) July 16, 2020
महाराष्ट्र, शिवाजीनगर से विधायक ने पुणे में कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार की मदद माँगी है। उन्होंने कहा कि पुणे COVID-19 संक्रमण के सक्रीय मामले में देश के शीर्ष 3 जिलों में शामिल है। ज्ञात हो कि पुणे में शुक्रवार को 1539 नये मामले सामने आए हैं।
शिरोले ने अपने ट्वीट में लिखा है कि महाराष्ट्र के प्रमुख शहर में आईसीयू और वेंटिलेटर की भारी कमी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “नवीनतम संख्या के अनुसार पुणे में वर्तमान में 200 से अधिक आईसीयू और 100 वेंटीलेटर बेड की कमी है, जिसके कारण कई नागरिकों को अपनी जान गँवानी पड़ रही है।”
पुणे में ही रहने वाले प्रवीण झा ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि पुणे में लॉकडाउन सम्बन्धी निर्देशों को लेकर भी सरकार बहुत स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि बेहद संवेदनशील इलाकों में भी सरकार और प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति तक ही जन सुविधाओं का ध्यान रख रही है।
प्रवीण झा ने बताया कि पिछले पाँच दिन से पुणे में कर्फ्यू लगा हुआ है। और बिगड़ते हालातों को देखते हुए फिर से कर्फ्यू लगाया जा रहा है। इस बंद के दौरान दुकानें और सार्वजानिक आवाजाही बंद रहेंगी लेकिन ऑफिस और कम्पनियाँ खुले रहेंगे।
उन्होंने बताया कि किस तरह से कर्फ्यू के दौरान पास बनाने के लिए कर्फ्यू लगने से पहले दिन एक सर्क्युलर जारी कर दिया जाता था और लोगों को पोर्टल पर जाकर PMC की वेबसाइट पर जाकर लॉग इन करना होता था और पास निकालकर सम्बंधित अधिकारीयों को दिखाना होता था।
लेकिन सरकार के दोनों ही पोर्टल बुरी तरह से नाकामयाब रहे और इसके बाद अजित पवार द्वारा नया पत्र जारी कर कहा गया कि अपनी कम्पनी के HR मैनेजर द्वारा साइन किया गया लेटर ही पास का विकल्प होगा। इसका नतीजा यह रहा कि सड़कों पर लोग सामान्य दिनों की ही तरह ही भारी संख्या में मौजूद थे। बदतर हालातों के बीच भी पुणे में बंद को लेकर कोई ख़ास प्रबंध नहीं हैं।
महाराष्ट्र में एक दिन में COVID-19 के 8,308 नए मामले सामने आने से शनिवार (जुलाई 18, 2020) सुबह तक राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,92,589 हो गई है। जबकि पुणे में वर्तमान में 12,016 केस सक्रिय हैं और अब तक 917 लोगों की जान जा चुकी है।
राज्य में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब एक दिन में कोरोना वायरस के 8,000 से अधिक नये मामले सामने आए हैं। बृहस्पतिवार (शुक्रवार 16, 2020) को राज्य में एक दिन में सबसे अधिक 8,641 नए मामने सामने आए थे, जबकि गत 11 जुलाई को 8,139 व्यक्ति COVID-19 से संक्रमित पाए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शुक्रवार (जुलाई 17, 2020) को COVID-19 से 258 और मरीजों की मौत होने से राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 11,452 हो गई। विभाग ने कहा कि दिन में कुल 2,217 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई, जिससे राज्य में अभी तक ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 1,60,357 हो गई। महाराष्ट्र राज्य में वर्तमान में एक्टिव मामलों की संख्या 1,20,780 है।