भाजपा ने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की ‘पंजाब लोक कॉन्ग्रेस’ और सुखदेव सिंह ढींडसा की ‘शिरोमणि अकेले दल (संयुक्त)’ के साथ गठबंधन का ऐलान किया। जहाँ कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं, वहीं सुखदेव सिंह ढींडसा राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं और उनके बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा भी पंजाब के वित्त मंत्री रहे हैं। 85 वर्षीय सुखदेव सिंह ढींडसा और 79 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की।
इस बैठक में पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। हालाँकि, अभी तक सीट बँटवारे के आँकड़े का ऐलान नहीं हुआ है। मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने गठबंधन की जानकारी दी। पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नई दिल्ली स्थित आवास पर इन नेताओं की बैठक हुई। इसके बाद तीनों दलों के गठबंधन की आधिकारिक घोषणा हो गई। सीट बँटवारे पर चर्चा के लिए तीनों दलों की एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।
इसमें तीनों दलों के दो-दो नेता शामिल होंगे। तीनों दल मिल कर अपना संयुक्त घोषणापत्र जारी करेंगे। तीनों दलों ने पारंपरिक गठबंधन की जगह सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। हर सीट पर विश्लेषण किया जाएगा कि कौन सा उम्मीदवार जीत की स्थिति में है। वहाँ से उसे टिकट मिलेगा और बाकी दो दल उसका समर्थन करेंगे। सीटों की संख्या की जगह जीत की संभावना को तरजीह दी जा रही है। शहरी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के ज्यादा उम्मीदवार रहेंगे।
Punjab Lok Congress President @capt_amarinder meets BJP National President Shri @JPNadda and HM Shri @AmitShah in New Delhi.
— BJP (@BJP4India) December 27, 2021
BJP Punjab in-charge Shri @gssjodhpur was also present during the meeting. pic.twitter.com/DiKsTsbuh5
पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटें हैं, जिनमें से 40 सीटें शहर क्षेत्रों में आती हैं और भाजपा यहाँ अपने उम्मीदवार उतार सकती है। इस तरह अब पंजाब में पंचकोणीय मुकाबले के असर जताए जा रहे हैं, जिसमें इस गठबंधन के अलावा कॉन्ग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (SAD) और आम आदमी पार्टी (AAP) के अलावा विभिन्न किसान संगठन भी मैदान में हैं। पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चंडीगढ़ में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में पहले नंबर पर आने के बाद AAP उत्साहित है। भाजपा यहाँ दूसरे नंबर पर रही है।