पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार (13 सितंबर) को किसान संगठनों को पंजाब की बजाए दिल्ली और हरियाणा में विरोध प्रदर्शन के लिए उकसा कर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि वे अपना आंदोलन हरियाणा और दिल्ली में करें, लेकिन पंजाब में धरना आदि न दें। होशियारपुर में कैप्टन सिंह ने पंजाब को आर्थिक नुकसान पहुँचाने के लिए किसान प्रदर्शनकारियों को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा, ”मैं पंजाब के किसानों को बताना चाहता हूँ कि यह उनकी जमीन है, जहाँ उनके द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन राज्य के हित में नहीं है। इसके अलावा, कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने और केंद्र पर कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दबाव बनाने के लिए उकसाया।”
उन्होंने कहा, “राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की बजाए, किसानों को केंद्र पर कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दबाव बनाना चाहिए।” इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस दौरान किसान प्रदर्शनकारियों को पड़ोसी राज्य हरियाणा में व्यवधान पैदा करने के लिए उकसाया। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में किसानों को रोका जाता तो वे सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर नहीं पहुँच पाते। आप हरियाणा और दिल्ली में जो चाहें करते रहें, लेकिन पंजाब को नुकसान क्यों पहुँचा रहे हैं? उन्होंने किसानों पर पंजाब में 113 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर राज्य के विकास में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।
I want to tell Punjab farmers that this is their land. Their ongoing protests here are not in the state’s interest. Instead of holding protests in the state, farmers should mount pressure on the Centre to get farm laws repealed: Punjab CM Captain Amarinder Singh in Hoshiarpur pic.twitter.com/3JFSt0cpuZ
— ANI (@ANI) September 13, 2021
पंजाब के मुख्यमंत्री ने होशियारपुर में एक सरकारी कॉलेज की आधारशिला रखने के बाद इस मामले पर बात की। दरअसल, पंजाब कॉन्ग्रेस शुरू से ही कृषि कानून विरोधी आंदोलन की प्रबल समर्थक रही है और दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शनों को भड़काती रही है।
हाल ही में जब पंजाब में पुलिस ने विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज और पानी की बौछारें की थी। उस समय अमरिंदर सिंह को हरियाणा के सीएम एमएल खट्टर को करनाल में प्रदर्शनकारी भीड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहते हुए देखा गया था।
बता दें कि इससे पहले जुलाई 2021 में पंजाब कॉन्ग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील झाकर ने स्वीकार किया था कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे, जिन्होंने किसानों को दिल्ली जाने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। झाकर ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के तौर चुने जाने के मौके पर यह कहा था।
उन्होंने खुलासा किया था, “भाजपा नेता अपने घरों में छिपे हुए हैं क्योंकि किसान पार्टी द्वारा पेश किए गए काले कृषि कानूनों के खिलाफ हैं। अगर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनके साथ अच्छे से पेश नहीं आए होते और इन किसानों को बीजेपी के ख़िलाफ दिल्ली नहीं भेजा होता तो हमें पंजाब में इनके आक्रोश का सामना करना पड़ता। यह हमारे सीएम की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।”