Sunday, September 8, 2024
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मुख्तार अंसारी पर कॉन्ग्रेस की एक और ‘मेहरबानी’ आई सामने, पंजाब सरकार ने बताया- गैंगस्टर के बेटों को दी गई वक्फ बोर्ड की जमीन

भगवंत मान ने यह भी कहा है कि मुख्तार अंसारी के जेल में रहने के दौरान सरकार का 55 लाख रुपए खर्च हुआ था। उनकी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से यह पैसा वसूल करेगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि सूबे की सत्ता में रहते हुए कॉन्ग्रेस सरकार ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को बचाने में ‘मदद’ की थी। उन्होंने तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार पर रोपड़ जिले में मुख्तार अंसारी के बेटों को वक्फ बोर्ड की जमीन आवंटित करने का भी आरोप लगाया है। मान ने मंगलवार (4 जुलाई 2023) को मीडिया से बात करते हुए ये आरोप लगाए।

हालाँकि कॉन्ग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान के इन आरोपों को खारिज किया है। साथ ही कहा है कि वह कभी भी मुख्तार अंसारी से नहीं मिले। अमरिंदर सिंह के इस जवाब पर पलटवार करते हुए सीएम मान ने कहा कि अमरिंदर सिंह को अपने बेटे रनिंदर सिंह से पूछना चाहिए कि उन्होंने मुख्तार अंसारी से कितनी बार मुलाकात की है। भगवंत मान ने कहा है कि रनिंदर ने मुख्तार से कई बार मुलाकात की है। लेकिन अमरिंदर सिंह लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

सीएम भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार पर रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन मुख्तार के बेटों को देने का भी आरोप लगाया। भगवंत मान ने वक्फ बोर्ड की जमीन आवंटन के कागज दिखाते हुए कहा है कि अमरिंदर सिंह को बताना चाहिए कि उनके हस्तक्षेप के बिना मुख्तार के बेटों अब्बास और उमर अंसारी को जमीन कैसे आवंटित की गई। इसके अलावा मान ने तत्कलीन कॉन्ग्रेस सरकार और मुख्तार अंसारी के काले कारनामों से जुड़े कई सबूत जल्द ही पेश करने का दावा किया। 

बता दें कि पंजाब पुलिस ने मुख्तार अंसारी को मोहाली के एक रियल एस्टेट कारोबारी से 10 करोड़ रुपए की फिरौती माँगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। भगवंत मान का दावा है कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस ऐसे समय में लेकर आई थी, जब उस पर उत्तर प्रदेश की एमपी/एमएलए कोर्ट में केस चल रहा था। उन्होंने आगे कहा है कि अगर मुख्तार अंसारी को यूपी से पंजाब शिफ्ट नहीं किया गया होता तो एमपी/एमएलए कोर्ट में फैसला 3 महीने में ही हो गया होता।

मुख्तार अंसारी को पंजाब ट्रासंफर किए जाने के बाद यूपी पुलिस ने पंजाब सरकार से मुख्तार को सौंपने के लिए 27 बार अनुरोध किया था। लेकिन पंजाब सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद यूपी पुलिस को मुख्तार की कस्टडी मिली थी। सीएम भगवंत मान ने बताया कि पंजाब की पूर्ववर्ती कॉन्ग्रेस सरकार ने मुख्तार को बचाने के लिए वकीलों पर बहुत अधिक पैसा खर्च किया था।

भगवंत मान ने यह भी कहा है कि मुख्तार अंसारी के जेल में रहने के दौरान सरकार का 55 लाख रुपए खर्च हुआ था। उनकी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से यह पैसा वसूल करेगी। पंजाब सरकार ने मुख्तार को यूपी ट्रांसफर करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को अपना वकील नियुक्त किया था। दवे को फीस के तौर पर 55 लाख रुपए दिए जाने थे। हालाँकि इसके बाद सरकार गिर गई और यह पैसा दवे को नहीं मिल सका।

इस पैसे को लेकर भगवंत मान ने एक बयान में कहा कि वह वकील दुष्यंत दवे को सरकारी खजाने से पैसा नहीं देंगे, बल्कि तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार के मुखिया से इसकी वसूली होगी। भगवंत मान ने यह भी कहा है कि जब मुख्तार पंजाब की जेल में बंद था तब अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। सीएम मान ने दावा किया है कि मुख्तार अंसारी जब रोपड़ जेल में बंद था, तब उसकी पत्नी जेल के पीछे बनी एक कोठी में रहती थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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