पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू इन दिनों खासा विवादों में हैं। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू के एनजीओ ने मोहाली के बलोंगी गाँव में गौशाला की जमीन पर ‘बैंक्वेट हॉल’ बनाने का प्लान बनाया था। हालाँकि, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया था कि उनके एनजीओ को गौशाला के लिए आवंटित 10 एकड़ की पंचायत भूमि पर केवल आवारा मवेशियों को ही रखने की इजाजत दी जाएगी। मंत्री ने कहा था कि इस जमीन का इस्तेमाल केवल आवारा पशुओं की देखभाल के लिए किया जाएगा और परिसर में कोई अन्य व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी।
बलबीर सिद्धू के इस दावे को द ट्रिब्यून के पास मौजूद दस्तावेजों ने झूठा साबित कर दिया है। दस्तावेजों के मुताबिक जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना थी। पिछले साल अक्टूबर में तैयार एनजीओ के एक प्रस्ताव के अनुसार और इसके महासचिव नरेश कंसल द्वारा हस्ताक्षरित गौशाला, मंदिर और डायग्नोस्टिक सेंटर के अलावा एक बैंक्वेट हॉल का निर्माण भी इस योजना का अहम हिस्सा था। दस्तावेजों में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रस्टी बैंक्वेट हॉल के निर्माण का पूरा खर्चा उठाएगा। कंसल ने दावा किया है कि बैंक्वेट हॉल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नहीं है, बल्कि गरीब लोगों के लिए बनाया जाना था, ताकि वे उसमें अपने काम कर सकें।
इसी बीच, पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष बीर देविंदर सिंह और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने सिद्धू द्वारा किए गए कथित भूमि घोटाले की सीबीआई जाँच की माँग की है। उन्होंने कहा कि यह जमीन बलोंगी पंचायत की है, जो एक गौशाला बनाने के लिए दी गई है।
मजीठिया ने कहा, “बलबीर सिद्धू ने बलोंगी में करोड़ों की पंचायत की जमीन हड़प ली है और अब मोहाली के मेयर के रूप में अपने भाई की मिलीभगत से बलोंगी को नगर निगम की सीमा में शामिल कर अपनी जमीन को वैध करने जा रहे हैं। हम इस मामले की सीबीआई जाँच चाहते हैं।”
वहीं, द ट्रिब्यून की रिपोर्ट की तर्ज पर बीर देविंदर ने भी बलबीर सिंह सिद्धू पर भूमि घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ”पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री से जुड़ा एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है, जिसमें बलबीर सिंह सिद्धू के नेतृत्व में एक संदिग्ध ट्रस्ट ने मोहाली जिले के बलोंगी गाँव की जमीन को हड़प लिया है।” उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा की मिलीभगत से पंचायत की 100 करोड़ रुपए की जमीन हड़प ली गई है। इसके साथ ही जमीन को वैध बनाने के लिए वह बलोंगी को भी नगर निगम की सीमा में शामिल कर रहा है, जिसकी सीबीआई जाँच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंचायत विभाग ने बाल गोपाल गौ बसेरा सोसायटी ट्रस्ट को दी गई भूमि पर एक बैंक्वेट हॉल और एक डायग्नोस्टिक सेंटर के निर्माण की भी अनुमति दी थी, जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री ने की थी।
इसके बारे में ग्रामीणों को भी जानकारी नहीं थी। वे केवल गौशाला के बारे में जानते थे। बलोंगी के सरपंच बहादुर सिंह ने कहा कि उनसे जमीन लेने का एकमात्र प्रस्ताव गौशाला था। उन्होंने कहा, “इसमें बैंक्वेट हॉल या मंदिर बनाया जाएगा इसका कोई जिक्र नहीं था।”
पंजाब विलेज कॉमन लैंड्स (रेगुलेशन) एक्ट 1961 के तहत पंचायत की जमीन पर कोई भी बैंक्वेट हॉल या धार्मिक स्थल बनाने का प्रावधान नहीं है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री से संपर्क करने के सभी प्रयास व्यर्थ रहे, क्योंकि उनके कर्मचारियों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। बलोंगी में सोसायटी को सालाना 25,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 33 साल के पट्टे पर जमीन आवंटित की गई थी, जो मौजूदा बाजार दर से काफी कम है।