पंजाब की सभी सीटों पर रविवार (मई 19, 2019) को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के तहत मतदान हुआ। सिद्धू द्वारा सीधा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधना उन्हें भारी पड़ सकता है क्योंकि पार्टी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने प्रदेश कॉन्ग्रेस से सिद्धू को लेकर रिपोर्ट माँगी है। कहा जा रहा है कि अधिकतर नेता मुख्यमंत्री अमरिंदर के साथ हैं। गुरदासपुर से सनी देवल के ख़िलाफ़ कड़े चुनावी युद्ध में फँसे प्रदेश अध्यक्ष बलराम जाखड़ चुनावी प्रक्रिया से फ्री होते ही रिपोर्ट तैयार करेंगे। बता दें कि कम्प्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर महत्वाकांक्षी होने और उनको अपदस्थ कर के ख़ुद मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखने का आरोप लगाया था।
पंजाब कॉन्ग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के इस झगड़े में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद इस सम्बन्ध में हाईकमान आगे की कार्रवाई कर सकता है। पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू से दो टूक कहा है कि अगर वह कैप्टन के अंतर्गत कार्य करने में असमर्थ हैं तो उन्हें मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धू अगर कैप्टन को नेता नहीं मानते तो इस्तीफा दें। बाजवा ने कहा कि सिद्धू को जब पता ही नहीं है कि जहाज का कप्तान कौन है, तो उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल बाहर किया जाए।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का नवजोत सिंह सिधू पर हमला,कहा-पंजाब में हमारे कैप्टेन अमरिंदर सिंह है अगर सिद्धू उन्हें कैप्टेन नहीं मानते तो कैबिनेट छोड़ दें। @capt_amarinder @sherryontopp @RahulGandhi @angrishvishal pic.twitter.com/rHaMANZRUt
— News24 India (@news24tvchannel) December 1, 2018
बाजवा सिद्धू पर निशाना साधने वाले पंजाब कैबिनेट के पाँचवें मंत्री हैं। उनसे पहले पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्मा मोहिंद्रा ने राज्य के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए पार्टी हाईकमान से उन पर कार्रवाई करने की माँग की थी। मंत्री मोहिंद्रा ने सिद्धू पर पीठ में छुरा घोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बेवक़्त बयान देते जा रहे हैं। उन्होंने सिद्धू के बारे में कहा कि वो सिर्फ़ 2 सालों से ही कॉन्ग्रेस में हैं और अपना नियम झाड़ते हुए अपना अजेंडा लागू करना चाह रहे हैं। मोहिंद्रा के अलावा ख़ुद कैप्टेन और पंजाब मंत्रिमंडल के उनके अन्य साथी भी सिद्धू की आलोचना कर चुके हैं।
ये सब विवाद तभी से चला आ रहा है जब पंजाब के पर्यटन मंत्री सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर उनका टिकट काटने के आरोप लगाया था। बाद में सिद्धू ने अपनी पत्नी के बयान का समर्थन किया था। नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था, “सिद्धू मेरी जगह सीएम बनना चाहते हैं। सिद्धू कॉन्ग्रेस की छवि बिगाड़ रहे हैं, पार्टी को उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वह असली कॉन्ग्रेसी होते तो वह अपनी शिकायतों के लिए पंजाब चुनाव का वक्त नहीं चुनते।”
All along the campaign one could sense an unease in their ranks.
— Chowkidar Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 21, 2019
Now the cat ? is out of the bag! @BJP4Punjab @BJYM @BJP4India
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अभी हाल ही में आवाज़ जाने के ख़तरों के कारण सिद्धू अस्पताल में भर्ती थे जब 70 से अधिक चुनावी सभाओं को सम्बोधित करने के कारण उनकी स्वर तंत्रिका को नुकसान हुआ था। बाजवा ने सिद्धू की आलोचना करते हुए आगे कहा, “अगर वो सच में कॉन्ग्रेसी होते तो उन्होंने अपनी शिकायतों को सार्वजनिक करने का बेहतर समय चुना होता। उन्होंने पंजाब में मतदान से ठीक पहले ये बातें कही। ये सिर्फ़ उनका नहीं बल्कि पूरे कॉन्ग्रेस का चुनाव है। कॉन्ग्रेस अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती।” पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी सिद्धू को ‘कॉन्ग्रेस की संस्कृति’ समझने की सलाह दी।