राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान हुए ‘जॉब फॉर लैंड स्कैम’ की जाँच में ईडी ने एक नया खुलासा किया है। जाँच एजेंसी ने बताया है कि इस जॉब स्कैम में लालू की पत्नी राबड़ी देवी की गौशाला का एक कर्मचारी भी शामिल था। ईडी के मुताबिक, उस कर्मचारी ने एक अभ्यर्थी से रेलवे में नौकरी का वादा कर उसकी जमीन अपने नाम कराई और बाद में वो जमीन लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा यादव को स्थानांतरित कर दी गई। इस कर्मचारी का नाम हृदयानंद चौधरी था।
On the alleged Land-for-job scam involving former Bihar CMs Lalu Yadav and Rabri Devi, the Enforcement Directorate in its press release says, "Hridyanand Chaudhary, another accused in police custody is a former employee in gaushala of Rabri Devi who had acquired property from one… pic.twitter.com/uoURUZ7K8F
— ANI (@ANI) January 30, 2024
ईडी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में 8 जनवरी 2024 को अपनी शिकायत स्पेशल कोर्ट में दायर की थी। शिकायत में अमित कात्याल, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव, हृदयानंद चौधरी का नाम है। इसके अलावा दो फर्जी कंपनियों को भी इस शिकायत में नामजद किया गया है। इनके नाम एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं। इन्हें लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध के लिए प्राप्त धन प्राप्त होता था।
केंद्रीय जाँच एजेंसी ने ये भी बताया कि इन फर्जी कंपनियों में प्रमुख लोगों द्वारा अचल संपत्तियाँ अर्जित की गईं और फिर नाममात्र राशि लेकर इसके शेयर लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर दिए गए। बताया जा रहा है कि अमित कात्याल नाम का शख्स लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए इन फर्जी कंपनियों का मैनेजमेंट देखता था।
ये चार्जशीट दाखिल होने के बाद दिल्ली की कोर्ट ने इस मामले में पिछले हफ्ते संज्ञान लिया और आरोपितों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा शुरू करने के लिए 9 फरवरी 2024 को उनके सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया। इनमें से कात्याल पहले से ही ईडी की हिरासत में है। उसे पिछले वर्ष नवंबर में गिरफ्तार करके जेल में डाला गया था। 11 नवंबर 2023 को उसकी गिरफ्तारी हुई थी
गौरतलब है कि लैंड फॉर जॉब केस में चल रही ईडी की जाँच का आधार वही आरोप हैं जिनमें कहा गया है कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए ग्रुप-डी वाले पदों पर नियुक्तियों में भ्रष्टाचार किया। ईडी का दावा है कि सीबीआई की प्राथमिकी और आरोप पत्र के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में अपनी जमीन ट्रांसफर करने के लिए कहा गया था।
बता दें कल (29 जनवरी 2024) लालू प्रसाद यादव से इस केस को लेकर ईडी ने 10 घंटे पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे 70 सवाल किए गए। उन्हें हर जवाब देने में डेढ़ से 2 मिनट लगे। इस दौरान उनके कितने लोगों के नौकरी के बदले जमीन लेने की बात पूछी गई और साथ ही जमीन को कम दर पर खरीदने के भी सवाल किए गए। रात के 9 बजे राजद प्रमुख ईडी दफ्तर से निकले। मीडिया के आगे उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। वहीं जाँच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत लालू प्रसाद यादव का बयान दर्दज कर लिया।