बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने ‘डर का माहौल’ वाले नैरेटिव को बढ़ावा दिया। बजाज ने कहा कि आज के दौर में लोग सरकार को कुछ भी बोलने से डरते हैं। हालाँकि, अमित शाह ने उन्हें कहा कि डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। राहुल बजाज ने इस दौरान लिंचिंग का भी मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में शाह ने उन्हें बताया कि मोदी सरकार के दौरान ऐसी घटनाओं में कमी आई है। अब राहुल बजाज के बेटे राजीव बजाज ने अपने पिता के बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है।
राजीव ने उस बयान के लिए अपने पिता राहुल बजाज के ‘असाधारण साहस’ की प्रशंसा करते हुए कहा है कि साहस और बेहूदगी एक जैसे ही होते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता कभी भी अपने मन की कहने से हिंचकते नहीं हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर अपनी व्यक्तिगत राय को इस तरह के सार्वजनिक मंच पर उठाना उचित है या नहीं, ये उन्हें नहीं पता। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट एक्सीलेंस को सम्मानित करने वाले मंच पर इस मुद्दे को उठाना सही है या ग़लत, वह इसका निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। राजीव बजाज ने कहा कि उनके पिता राहुल बजाज को बोलने के लिए मंच उपलब्ध करवाना सांड को लाल कपड़ा दिखाने जैसा है।
राजीव बजाज ने कहा कि उन्होंने कहीं साहस की परिभाषा पढ़ी थी। बकौल राजीव, किसी कार्य को ये जानते हुए भी करना कि उससे कुछ लोगों को चोट पहुँच सकती है- ये साहस है। राजीव ने आगे कहा कि बेहूदगी की भी यही परिभाषा है और इसी कारण से दोनों में अंतर खोजना मुश्किल हो जाता है। राजीव ने बताया कि जब उन्होंने फ़रवरी 2017 में नोटबंदी के फ़ैसले का विरोध किया था, तब उनकी भी ख़ासी आलोचना हुई थी। राजीव ने कहा कि उनकी बड़े नेताओं या मंत्रियों से उतनी बातचीत नहीं होती।
Rajiv Bajaj wonders whether a corporate event is the right forum to raise sensitive issues.#RahulBajaj #ETAwards https://t.co/XNUIpQCiOV
— Economic Times (@EconomicTimes) December 2, 2019
राजीव बजाज ने इस दौरान एक वाकया भी सुनाया कि कैसे भाजपा सरकार ने उनकी मदद की। बजाज की कार प्रोजेक्ट Qute 8 सालों से केंद्र सरकार अनुमोदन के लिए पड़ी हुई थी। राजीव ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 8 सालों से लंबित बजाज के ऑटो व्हीकल Qute को अप्रूवल दिया। राजीव ने इसके लिए नीति आयोग को भी धन्यवाद दिया। इधर, लखीमपुर के सांसद अजय मिश्रा ने बजाज कम्पनी की चीनी मिलों पर किसानों का 10,000 करोड़ रुपया बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया है।