Monday, December 23, 2024
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RaGa ने लगाए We Want Justice के नारे, स्पीकर बोले- सदन को नगर निगम न बनाएँ

"सदन में वाद-विवाद करें, संवाद करें, चर्चा करें लेकिन नारेबाजी और तख्ती लेकर आना बंद होना चाहिए। सदन को नगर निगम जैसा बनाना ठीक नहीं है, पूरा देश आपको देख रहा है।"

राहुल गाँधी आज सदन में अपने स्थान से बैठे-बैठे ही नारा लगाते देखे गए। 17वीं लोकसभा में राहुल गाँधी ने पहली बार नारेबाजी की। लोकसभा में मंगलवार (जुलाई 09, 2019) को कॉन्ग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कर्नाटक में जेडीएस+कॉन्ग्रेस गठबंधन सरकार को सत्ता से हटाने के लिए ‘षड्यंत्र रचने’ और ‘शिकार की राजनीति’ करने का आरोप लगाया, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘कॉन्ग्रेस के घर की समस्या’ कहते हुए खारिज कर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कॉन्ग्रेस सदस्यों को सोमवार को भी इस विषय को उठाने का मौका दिया गया था। इस बारे में कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। इस पर कॉन्ग्रेस सदस्य अपने स्थान से ही नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद कॉन्ग्रेस सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। कॉन्ग्रेस सदस्यों के साथ द्रमुक सदस्य भी आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे।

इस दौरान राहुल गाँधी की माताजी सोनिया गाँधी भी सदन में मौजूद थीं। राहुल गाँधी को भी अपने स्थान पर बैठकर ‘वी वांट जस्टिस (हमें न्याय चाहिए)’ कहते सुना गया। उनके साथ ही सदन में कॉन्ग्रेस सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, ‘शिकार की राजनीति बंद करो’ के नारे लगा रहे थे। इस पर लोकसभाध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि सभी को सदन की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में वाद-विवाद करें, संवाद करें, चर्चा करें लेकिन नारेबाजी और तख्ती लेकर आना बंद होना चाहिए। ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने सदस्यों को बिना बारी भी बोलने की अनुमति दी है और सदन को नगर निगम जैसा बनाना ठीक नहीं है, पूरा देश आपको देख रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “नियम में स्पष्ट है कि अगर किसी विषय पर चर्चा हो चुकी है तब उस पर फिर चर्चा नहीं हो सकती है, इस विषय (कर्नाटक) को उठाया जा चुका है, रक्षा मंत्री जवाब दे चुके हैं। जोशी ने कहा कि कर्नाटक के मुद्दे से हमारा कोई लेना देना नहीं है। यह राहुल गाँधी के इस्तीफा देने के आह्वान के कारण हो रहा है। सदन में महत्वपूर्ण विधेयक आने हैं, चर्चा होनी है। यह पहला सत्र है और इस तरह से इसे बाधित करना ठीक नहीं है।”

दरअसल, कर्नाटक में जेडीएस-कॉन्ग्रेस सरकार गठबंधन के 13 विधायकों द्वारा राज्य विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को इस्तीफा सौंपने के बाद प्रदेश सरकार संकट का सामना कर रही है। राज्यसभा में भी कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया। इसके कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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