कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गाँधी आख़िरकार जम्मू-कश्मीर के ज़मीनी हालत का जायज़ा लेने श्रीनगर पहुँच रहे हैं। इसके लिए उनके साथ 9 अन्य विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा जिसमें कॉन्ग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा, राजद के मनोज झा प्रमुख होंगे। अन्य नेताओं में माकपा के सीताराम येचुरी, द्रमुक के टी शिवा और भाकपा के डी राजा भी शामिल हैं।
J&K: Delegation of Opposition leaders visiting SRINAGAR tomorrow are-Rahul Gandhi,GN Azad, Anand Sharma, KC Venugopal of Congress, D Raja of CPI, Sitaram Yechury of CPI(M), Tiruchi Siva of DMK, Manoj Jha of RJD, Dinesh Trivedi of TMC, Majeed Memon of NCP & Kupendra Reddy of JD(S) https://t.co/1qdkCy5Uqu
— ANI (@ANI) August 23, 2019
राज्यपाल ने दिया था चैलेन्ज
राहुल गाँधी के इस दौरे के पीछे है कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक के और उनके बीच का वाक्-युद्ध, जिसमें मलिक ने उन्हें कश्मीर आकर खुद अनुच्छेद 370 हटने के बाद के शांतिपूर्ण माहौल का जायज़ा लेने का न्यौता और चुनौती दी थी। दरअसल जब कॉन्ग्रेस नेताओं के पाकिस्तान के साथ सुर मिलाकर कश्मीर में हो रहे कथित ‘मानवाधिकार हनन’ और अशांति के प्रोपेगंडा को ध्वस्त करने के लिए कश्मीर के राज्यपाल मलिक ने राहुल गाँधी को कश्मीर दौरे का न्यौता भेजा, तो मीडिया रिपोर्टों के मुताबक उन्होंने कहा था, “मैंने राहुल गाँधी को यहाँ (कश्मीर ) आने का निमंत्रण भेजा है। मैं आपके लिए हवाई जहाज भेजूँगा, ताकि आप यहाँ आकर (स्थिति को) देखें और फिर बोलें। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं, और आपको ऐसे नहीं बोलना चाहिए।”
उस समय राहुल गाँधी ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा की रिपोर्टों पर टिप्पणी की थी, जिसका मलिक जवाब दे रहे थे।
‘आ तो जाऊँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है’
सत्य पाल मलिक के बयान की एनडीटीवी रिपोर्ट को रीट्वीट करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि वे राज्यपाल का निमंत्रण स्वीकार कर आने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने इसमें अपनी शर्तें भी जोड़ दीं। वे अपने साथ विपक्ष के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लेकर आना चाहते थे। उन्होंने चतुराई से सत्य पाल मलिक द्वारा मुहैया कराए जा रहे परिवहन को भी ठुकरा दिया, और बता दिया कि वे (राज्य में लागू सुरक्षा प्रतिबंधों के बावजूद) पूरी ‘आज़ादी’ के साथ राज्य का दौरा करना चाहते हैं। उन्होंने साथ ही आम लोगों, ‘मुख्यधारा’ के नेताओं और सैनिकों से मिलने की भी शर्त रख दी थी।
Dear Governor Malik,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
A delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel & meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
‘निमंत्रण कैंसल’
इसके बाद सत्य पाल मलिक ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गाँधी की शर्तों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। उनके मुताबिक निमंत्रण देते हुए उन्हें राहुल गाँधी की इतनी सारी ‘pre-conditions’ का कोई अंदेशा नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने साथ प्रतिनिधिमंडल लाकर राहुल गाँधी मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने इससे घाटी में उपद्रव फैलने और आम लोगों के लिए दिक्कतें खड़ी होने की आशंका भी जताई।
अब कोई शर्त नहीं, कश्मीर कब आ सकता हूँ
उसके बाद राहुल गाँधी ने कश्मीर दौरे की अपनी सारी शर्तें हटाते हुए कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक को उन्हें राज्य के दौरे पर आने देने की चुनौती दी। एक दिलचस्प चीज़ राहुल गाँधी के ट्वीट में यह थी कि उन्होंने मलिक को अंग्रेजी में ‘मालिक जी’ (‘Maalik ji’) से सम्बोधित किया है, जो टाइपिंग की गलती की बजाय सूबे के राज्यपाल पर तंज़ अधिक लगा था।
Dear Maalik ji,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2019
I saw your feeble reply to my tweet.
I accept your invitation to visit Jammu & Kashmir and meet the people, with no conditions attached.
When can I come?