कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गाँधी ने कश्मीर दौरे की अपनी सारी शर्तें हटाते हुए कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक को उन्हें राज्य के दौरे पर आने देने की चुनौती दी है। उन्होंने यह जवाब जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के उस बयान के जवाब में दिया है, जिसमें कल रात (13 अगस्त) मलिक ने कहा था कि उन्होंने आकर कश्मीर के हालात अपनी आँखों से देखने का राहुल गाँधी को जो न्यौता दिया था, उसमें तमाम शर्तें लगाकर कॉन्ग्रेस नेता राजनीति कर रहे हैं, इसलिए वे (मलिक) न्यौता वापिस लेते हैं। एक दिलचस्प चीज़ आज सुबह किए गए राहुल गाँधी के ट्वीट में यह है कि उन्होंने मलिक को अंग्रेजी में ‘मालिक जी’ (‘Maalik ji’) से सम्बोधित किया है, जो टाइपिंग की गलती की बजाय सूबे के राज्यपाल पर तंज़ अधिक लगता है।
Dear Maalik ji,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2019
I saw your feeble reply to my tweet.
I accept your invitation to visit Jammu & Kashmir and meet the people, with no conditions attached.
When can I come?
‘प्लेन भेज रहा हूँ, खुद आ कर देख लो’
दरअसल पूरा मामला शुरू तब हुआ जब कॉन्ग्रेस नेताओं के पाकिस्तान के साथ सुर मिलाकर कश्मीर में हो रहे कथित ‘मानवाधिकार हनन’ और अशांति के प्रोपेगंडा को ध्वस्त करने के लिए कश्मीर के राज्यपाल मलिक ने विपक्ष के (फ़िलहाल) सबसे बड़े और मुखर नेताओं में से एक राहुल गाँधी को कश्मीर दौरे का न्यौता भेजा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबक उन्होंने कहा था, “मैंने राहुल गाँधी को यहाँ (कश्मीर ) आने का निमंत्रण भेजा है। मैं आपके लिए हवाई जहाज भेजूँगा, ताकि आप यहाँ आकर (स्थिति को) देखें और फिर बोलें। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं, और आपको ऐसे नहीं बोलना चाहिए।”
उस समय राहुल गाँधी ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा की रिपोर्टों पर टिप्पणी की थी, जिसका मलिक जवाब दे रहे थे।
‘आ तो जाऊँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है’
सत्य पाल मलिक के बयान की एनडीटीवी रिपोर्ट को रीट्वीट करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि वे राज्यपाल का निमंत्रण स्वीकार कर आने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने इसमें अपनी शर्तें भी जोड़ दीं। वे अपने साथ विपक्ष के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लेकर आना चाहते थे। उन्होंने चतुराई से सत्य पाल मलिक द्वारा मुहैया कराए जा रहे परिवहन को भी ठुकरा दिया, और बता दिया कि वे (राज्य में लागू सुरक्षा प्रतिबंधों के बावजूद) पूरी ‘आज़ादी’ के साथ राज्य का दौरा करना चाहते हैं। उन्होंने साथ ही आम लोगों, ‘मुख्यधारा’ के नेताओं और सैनिकों से मिलने की भी शर्त रख दी थी।
Dear Governor Malik,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
A delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel & meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
‘निमंत्रण कैंसल’
सत्य पाल मलिक ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गाँधी की शर्तों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। उनके मुताबिक निमंत्रण देते हुए उन्हें राहुल गाँधी की इतनी सारी ‘pre-conditions’ का कोई अंदेशा नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने साथ प्रतिनिधिमंडल लाकर राहुल गाँधी मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने इससे घाटी में उपद्रव फैलने और आम लोगों के लिए दिक्कतें खड़ी होने की आशंका भी जताई।