लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को राजस्थान में बुरी हार मिली और पिछली बार की तरह ही राज्य की सभी 25 सीटों पर भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की। सबसे बड़ी बात यह कि कुछ ही महीनों पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई थी और अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। हाल ही में राहुल गाँधी ने कहा भी था कि गहलोत जैसे नेताओं ने ‘पुत्र-प्रेम’ से पार्टी को नुकसान पहुँचाया। अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने जोधपुर से चुनाव लड़ा, जहाँ उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा। ख़बरें आईं हैं कि राहुल गाँधी ने अपॉइंटमेंट देकर भी मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने से मना कर दिया है।
रविवार को राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने इस्तीफा दे दिया। वह अपना फोन बंद कर के नैनीताल रवाना हो गए, जिसके कारण उनके इस्तीफे पर संशय बना हुआ था। वहाँ उनके मंदिरों में दर्शन करने की ख़बरें आईं। मंत्री कटारिया की पत्नी गायत्री देवी ने दैनिक भास्कर से फोन पर बातचीत करते हुए अपने पति द्वारा इस्तीफा देने की बात की पुष्टि की। गायत्री देवी ने बताया कि कटारिया फिलहाल दिल्ली में हैं और वह कॉन्ग्रेस की हार के बाद लगातार दुःखी चल रहे थे। गायत्री देवी ने बताया कि इस्तीफा के बाद लोगों के फोन कॉल से बचने के लिए उन्होंने अपना फोन स्विच ऑफ रखा है।
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— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) May 27, 2019
राज्य के दो अन्य कैबिनेट मंत्रियों, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना व खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कॉन्ग्रेस की हार की समीक्षा करने की सलाह दी है। जयपुर से कॉन्ग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल ने पार्टी की मीडिया प्रभारी अर्चना शर्मा की शिकायत पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी से की है। दो कैबिनेट मंत्रियों द्वारा सरकार व संगठन में आत्ममंथन की सलाह और एक मंत्री के इस्तीफे के बाद राजस्थान कॉन्ग्रेस की कलह सतह पर आ गई है। मंत्री उदय लाल ने कहा कि उन्होंने पहले ही सीएम गहलोत को अपने बेटे को जोधपुर से न लड़ाने की सलाह दी थी। उदय लाल ने कहा कि अगर वैभव जोधपुर की जगह जालौर से लड़ते तो स्थिति अलग हो सकती थी।
आंजना ने कहा, “मैंने 2014 में जालौर से चुनाव लड़ा था और मुझे वहाँ के राजनीतिक, सामाजिक और जातिगत समीकरणों के बारे में पता है। उन स्थितियों में वैभव गहलोत एक अच्छे उम्मीदवार साबित होते।” हालाँकि, सवाल पर आंजना ने कहा कि उन्हें बड़ी मुश्किल से मंत्रीपद मिला है। मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि इस हार का मंथन होना चाहिए और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। ताज़ा लोकसभा चुनाव में राज्य की 200 में से 185 विधानसभा सीटों पर भाजपा आगे रही। ख़ुद अशोक गहलोत के बेटे को उनके ही विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में भाजपा उम्मीदवार से 18,000 कम वोट मिले। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की सीट टोंक में कॉन्ग्रेस उम्मीदवार 22,000 मतों से पीछे रहे।
दिल्ली पहुँचे अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल सही बोलते हैं और वो जो कुछ बोल रहे हैं, ऐसा कहने का उनका हक़ है। राहुल द्वारा मिलने से इनकार किए जाने के बाद गहलोत ने कॉन्ग्रेस नेता वेणुगोपाल से मुलाक़ात की। गहलोत के साथ सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी राहुल से मिलने वाले थे लेकिन अब ये बैठक कब होगी, इस पर संशय बना हुआ है।