कॉन्ग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर घमासान तेज हो गया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने एक इंटरव्यू में कहा कि इतने महीनों के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेता नया अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर सके। संदीप दीक्षित के बयान को कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी समर्थन किया था।
Rahul Gandhi remains ‘top leader’ in Cong, large section in party always felt he should return as chief: Salman Khurshid to PTI pic.twitter.com/60WSMmpIMN
— Times of India (@timesofindia) February 22, 2020
अब इस पर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के ‘शीर्ष नेता’ बने हुए हैं, पार्टी का एक बड़ा धड़ा हमेशा चाहता है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने ये बातें PTI के साथ हुए एक इंटरव्यू में कही।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस संक्रमणकालीन प्रक्रिया से गुजर रही थी, लेकिन पार्टी में कोई संकट पैदा नहीं हुआ क्योंकि पार्टी सोनिया गाँधी के नेतृत्व में थी। पिछले कुछ दिनों से कॉन्ग्रेस के भीतर से शशि थरूर और संदीप दीक्षित समेत कई नेताओं द्वारा नेतृत्व का मुद्दा उठाए जाने के बाद खुर्शीद का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि बयानबाजी करने वाले नेता ज्ञान देने की बजाय अपने क्षेत्र में ध्यान दें और इस बारे में सोचें कि वे चुनावों क्यों हारे। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस तरह का बयान देना कॉन्ग्रेस की मदद नहीं करती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त थे, खुर्शीद ने कहा, “हम सबने यह कहा है। यह तो स्पष्ट है कि अब यह पत्थर की लकीर बन गई है। लेकिन अगर हम उन्हें हमारे नेता के रूप में स्वीकार करते हैं, तो हमें उन्हें निर्णय लेने के लिए समय देना चाहिए। हम उन पर अपने विचार क्यों थोपना चाहते हैं।”
खुर्शीद ने आगे कहा, “राहुल गाँधी कहीं नहीं जा रहे हैं। वो यहीं पर हैं। अगर आज उनके पास लेबल नहीं है तो इसलिए नहीं है, क्योंकि वो इसे लेना नहीं चाहते। हमें इसका सम्मान करना चाहिए और हमने इसका सम्मान किया है। यह मीडिया है जो इसके बारे में बात करना बंद नहीं करता है।”
खुर्शीद ने कहा कि राहुल गाँधी अभी भी शीर्ष नेता बने हुए हैं। और कोई और शीर्ष नेता नहीं है। लेकिन पार्टी में ऐसे अन्य नेता हैं, जिनका अपना महत्व है, जिन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कॉन्ग्रेस का विरोध करने वाली पार्टियाँ उन पर किसी और से ज्यादा हमला करती रहती हैं, यह दर्शाता है कि वह अभी भी शीर्ष नेता बने हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या गाँधी परिवार कॉन्ग्रेस का केंद्र बना हुआ है, उन्होंने कहा कि यह एक सच्चाई है जिसे दूर नहीं किया जा सकता है।