यह बात तो अब सर्वविदित है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दो ऐसे और नाम हैं जो लोकसभा चुनाव की दौड़ में शामिल हैं जिनका नाम भी राहुल है। और इस पर भी अचंभे वाली बात यह है कि दोनों राहुल के नाम के साथ ‘गाँधी’ शब्द भी जुड़ा है। आइये आपको बताते हैं कि राहुल गाँधी के अलावा वो दो राहुल कौन हैं, इनमें से एक हैं राहुल गाँधी केई (Rahul Gandhi K E.) और दूसरे हैं राघुल गाँधी के (Raghul Gandhi K)। तीनों राहुल ने केरल से ही लोकसभा चुनाव लड़ने संबंधी नामांकन पत्र दाखिल किया है। मतलब साफ़ है कि तीनों राहुल एक दूसरे के समक्ष राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रुप में होंगे जबकि दोनों राहुल ऐसे परिवार से हैं जो कॉन्ग्रेस समर्थक रहा है।
इंडियन एक्प्रेस की ख़बर के अनुसार, गुरुवार (अप्रैल 4, 2019) को वायनाड में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष कॉन्ग्रेस प्रमुख ने नामांकन पत्र दाखिल किया जिसके कुछ घंटे बाद ही राहुल गांधी केई (33) ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन प्रस्तुत किया। कोट्टायम के एरुमेली गाँव के निवासी, राहुल गाँधी केई लोक संगीत के विद्यार्थी हैं। उनके छोटे भाई का नाम राजीव गाँधी केई है। उनके पिता, स्वर्गीय कुंजुमोन, एक ड्राइवर थे जो कि कॉन्ग्रेसी होने के साथ-साथ गाँधी परिवार के प्रशंसक भी थे। जबकि राहुल गाँधी केई ने नामांकन दाखिल करने के बाद अपना फोन स्विच ऑफ़ कर दिया, उनके भाई राजीव ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
स्थानीय पंचायत सदस्य प्रकाश पुलिकाल ने कहा कि कुंजुमन एक कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता थे और इसलिए उन्होंने अपने बेटों का नाम राहुल और राजीव रखा। इसके अलावा पुलिकाल ने कहा, “बेटों का कॉन्ग्रेस से कोई संबंध नहीं है, लेकिन राजीव सीपीएम का फॉलोवर है। उनकी माँ वलसम्मा एक दैनिक कार्यकर्ता हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने घर पर किसी से सलाह नहीं ली है। उनके इलाके में हर कोई उम्मीदवारी के बारे में सुनकर हैरान था।”
चलिए, अब बात दूसरे राघुल गाँधी (30 वर्षीय) की, जो तमिलनाडु के कोयम्बटूर से हैं। राघुल, अगिला इंडिया मक्कल काज़गम के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। राघुल ने बताया कि उनके पिता कृष्णन पी एक स्थानीय कॉन्ग्रेसी नेता थे, जो बाद में अन्नाद्रमुक में चले गए। जब वो कॉन्ग्रेस में थे, तब मेरा जन्म हुआ था और तभी उनका नाम राघुल गाँधी रख दिया गया। राघुल ने यह भी बताया कि उनकी बहन को तब इंदिरा प्रियदर्शिनी नाम दिया गया था।
इसके अलावा राघुल ने कहा कि वायनाड में चुनावी राजनीति में उनका यह तीसरा प्रयास था – 2016 में, उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के दौरान कोयम्बटूर में सिंगनल्लूर सीट से चुनाव लड़ा; और 2014 में, उन्होंने कोयंबटूर नागरिक निकाय चुनावों में चुनाव लड़ा।