राजस्थान में कॉन्ग्रेस की सरकार है। अशोक गहलोत वहाँ के मुख्यमंत्री हैं। वो आए दिन महिला सुरक्षा और कानूनों की बातें तो करते हैं, लेकिन वास्तविकता पर नजर डाला जाए तो जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ करती है। रेप के मामले में राजस्थान देश में नंबर वन पर काबिज है।
रेप के मामले में राजस्थान के टॉप पर होने का आँकड़ा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NRCB) का है, मीडिया का नहीं। हाल के दिनों में प्रदेश में कई जगह बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों, मूक-बधिर के साथ रेप की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। ये घटनाएँ प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं।
राजस्थान सरकार ने विधानसभा में ये स्वीकार किया है कि राजस्थान रेप के मामले में देश में नंबर वन पर है। विधानसभा के अंदर महिलाओं के साथ होने वाली ज्यादती पर हँसते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल कहते हैं:
“रेप के मामले में हम नंबर वन पर हैं, अब ये रेप के मामले क्यों हैं? कहीं न कहीं गलती है। वैसे भी राजस्थान मर्दों का प्रदेश रहा है यार, उसका क्या करें?”
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि इतना कहते ही धारीवाल हँसने लगते हैं और उनके साथ ही पूरी सदन हँसने लगती है। हद तो ये थी कि उस दौरान महिलाओं को लेकर इतने असंवेदनशील तरीके से भाषण देते वक्त किसी भी कॉन्ग्रेसी ने उन्हें टोका तक नहीं।
राजस्थान रेप में नम्बर – 1 प्रदेश है। राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश रहा है – शांति धारीवाल मंत्री राजस्थान सरकार pic.twitter.com/JOEgZEdZyZ
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) March 9, 2022
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2020 के आँकड़ों के मुताबिक, एक साल में राजस्थान में 5310 महिलाएँ दरिंदगी का शिकार हुई थीं। जबकि इस मामले में उत्तर प्रदेश 2769 केस के साथ दूसरे और 2339 केस के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर था।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में 1,11,549 महिला अपराधों के ऐसे केस दर्ज किए गए थे, जिनमें महिला पर उनके पति या रिश्तेदारों ने ही अत्याचार किए थे। इसी दौरान अपहरण के 62,300 मामले रजिस्टर हुए थे। शील भंग के 85,392 मामले और रेप की कोशिश के 3,741 मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा 2020 के दौरान देश भर में एसिड हमले के 105 मामले दर्ज किए गए थे।
NCW ने दी कार्रवाई की चेतावनी
धारीवाल की संवेदहीन टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, “राजस्थान सरकार में ऐसे मंत्री हैं, इसलिए राज्य की महिलाएँ भीषण लैंगिक अपराधों को झेल रही हैं और पुलिस कुछ नहीं कर रही है। ऐसे मंत्री होंगे तो राज्य की महिलाएँ कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी? एनसीडब्ल्यू धारीवाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।”
Rajasthan Government has Ministers like these that’s why women of the State are suffering gruesome gender crimes and police is just don’t do anything. How will women of the state feel safe if it has Ministers like these? @NCWIndia is taking strong action against Mr. Dhariwal. https://t.co/AYAnJJyQ0K
— Rekha Sharma (@sharmarekha) March 9, 2022
राजस्थान में महिलाओं/बच्चियों के खिलाफ अपराध का है इतिहास
राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का लंबा इतिहास रहा है। पिछले साल दिसंबर में ही अलवर में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल समेत 9 दरिंदों ने नाबालिग से गैंगरेप किया। इसी तरह से जनवरी 2022 में भी एक मूक-बधिर नाबालिग के साथ गैंगरेप किया गया। उसके शरीर पर नुकीली हथियार से वार किए गए थे। ऐसे ही एक अन्य मामले में भरतपुर के चिकसाना गाँव में 5 साल की बच्ची से दरिंदगी की गई। बाद में पीड़ित के परिवार पर राजीनामे के लिए इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें ही गाँव भी छोड़ना पड़ा।