राजस्थान के बारां जिला में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक तहसीलदार का एक ही तारीख में 3 बार ट्रांसफर कर दिया गया। उसका गुनाह बस इतना था कि उसने अवैध अतिक्रमण में लिप्त नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। अवैध अतिक्रमण हटाने के एवज में एक ही तारीख में उसका 3 बार तबादला किया गया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार चल रही है। हाल ही में बसपा के सभी विधायक कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए थे, जिससे अशोक गहलोत सरकार की स्थिति और मजबूत हो गई है।
अगर बारां की घटना की बात करें तो यहाँ तहसीलदार फूलचंद कश्यप नाहरगढ़ उप-तहसील में भूअभिलेख निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनका तबदला कार्यवाहक नायब तहसीलदार के रूप में रविवार (सितम्बर 29, 2019) की तारीख में अटरू तहसील मुख्यालय में कर दिया गया। इसके बाद गुरुवार (अक्टूबर 3, 2019) को एक नया संशोधित आदेश आया। इसमें उनका ट्रांसफर 29 सितम्बर की ही तारीख में उपतहसील केलवाड़ा में कर दिया गया। शनिवार (अक्टूबर 5, 2019) को फूलचंद का तबादला वापस अटरू तहसील में करने का आदेश आया। इस आदेश में भी तारीख 29 सितम्बर ही बताई गई।
एक ही तारीख में 3 ट्रांसफर ऑर्डर की वजह से जिला कलेक्ट्रट लोगों के निशाने पर है। प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। फूलचंद ने बताया है कि भँवरगढ़ में अतिक्रमण हटाने के कारण वे नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
लोग इस बात को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि जब तहसीलदार ने कुछ ग़लत किया ही नहीं तो कार्रवाई किस बात के लिए की गई? उसने तो बस क़ानून के तहत अवैध अतिक्रमण करने वालों के ख़िलाफ़ एक्शन लिया था। अभी तक जिला प्रशासन ने इस सम्बन्ध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।