महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व कॉन्ग्रेस नेता यशोमती ठाकुर ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2020) को दावा किया कि प्रदेश में बीजेपी के 105 में से कुछ विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। साथ ही अगर उनके नाम सार्वजनिक कर दिए गए तो ‘भूकंप’ आ जाएगा।
ट्विटर पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए ठाकुर ने कहा, “बीजेपी को ‘सत्ता की भूख’ है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी को अपने झुंड को एक साथ रखने पर अपनी ऊर्जा को खर्च करना चाहिए क्योंकि राज्य के कई विधायक कॉन्ग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं।” इसके साथ ही उन्होंने महा विकास अघाड़ी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार राज्य में सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा कर रही है। महाराष्ट्र ने देश को एक नया सूत्र दिया है।
महाविकासआघाडी सरकार स्थिर आहे.नाठाळांच्या माथ्यावर काठी कशी हाणायची याची शिकवण आम्हाला मिळालेली आहे.आमचे कुणी फुटणार नाहीत,उलट १०५ पैकीच काही लोक आमच्या संपर्कात आहेत. त्यांची नावं कळली तर राज्यात भूकंप होईल. @RahulGandhi @kcvenugopalmp @INCIndia @INCMaharashtra pic.twitter.com/T8B0N8x0Gw
— Adv. Yashomati Thakur (@AdvYashomatiINC) July 17, 2020
विपक्ष पर निशाना साधते हुए, सुश्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दिसंबर 2019 में सत्ता सँभालने के बाद से राज्य में महाराष्ट्र सरकार को लगातार गिराने का प्रयास किया है। इसके साथ ही उन्होंने एनसीपी-कॉन्ग्रेस-शिवसेना गठबंधन को महाराष्ट्र में स्थिर बताया है।
प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण विभाग मंत्री ने भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए कहा, “वह ऐसे लोगों से घिरे हैं जो बाहरी (पक्ष बदलने वाले)है। वह उन नेताओं का हवाला दे रही थीं जिन्होंने प्रदेश में पिछले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस एवं एनसीपी छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था।”
ठाकुर ने आगे कहा, “भाजपा के 105 विधायकों में से कितने लोग दूसरे दलों से आए हैं? क्या आप गारंटी लेते हैं कि वे सब हमेशा भाजपा के साथ रहेंगे? पार्टी के 105 विधायकों में से उन विधायकों के नाम का खुलासा हो जाए, जो कॉन्ग्रेस के संपर्क में हैं तो भूकंप आ जाएगा।”
कॉन्ग्रेस नेता ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र में बहुमत की सरकार होने के बावजूद यह राज्यों में दूसरी पार्टी की सरकारों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। जहाँ विपक्षी पार्टी सत्ता में है। उन्होंने कर्नाटक, मध्य प्रदेश और अब राजस्थान में चल रही सत्ता के टकराव का हवाला देते हुए कहा।
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, भाजपा एक सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने सरकार बनाने के लिए जनादेश हासिल कर लिया था। लेकिन उसके बाद शिवसेना ने सत्ता के मोह में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। शिवसेना, राकांपा और कॉन्ग्रेस के साथ मिलकर फिर नया गठजोड़ किया था। और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में सरकार का गठन किया गया था।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में भाजपा के कई विधायक कॉन्ग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं, यह विस्फोटक रहस्य उस समय उजागर हुआ जब कॉन्ग्रेस नेताओं ने भाजपा पर राजस्थान कॉन्ग्रेस इकाई के विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। यह आरोप विशेष रूप से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों ने आपस में लगाया था।
कॉन्ग्रेस ने राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान की वजह भाजपा को बताया था। जबकि महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेता ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि विपक्षी विधायकों के समर्थन को सुरक्षित करने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी अनैतिक साधनों को अपनाने से पीछे नहीं हटेगी।