Sunday, November 17, 2024
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मुस्लिम हमारे जिगर के टुकड़े हैं – फारूक, उमर और मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए करेंगे प्रार्थना: राजनाथ सिंह

“कश्मीर का माहौल शांतिपूर्ण है। स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार ने किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया है।”

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म किए जाने के बाद से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर टिप्पणी करते हुए इन लोगों की जल्द रिहाई की कामना की है। साथ ही सिंह ने उम्मीद जताई कि रिहा होने के बाद तीनों पूर्व सीएम, कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने और विकास करने में योगदान देंगे।

बता दें कि मोदी सरकार द्वारा पिछले वर्ष 5 अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। इसी समय से एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से महबूबा मुफ्ती सहित दर्जनों राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया था।

हालाँकि इसके बाद से अधिकांश राजनेताओं को रिहा कर दिया गया है, मगर तीनों पूर्व मुख्यमंत्री और एक दर्जन राजनेताओं को अभी भी नजरबंद रखा गया है। फारूक अब्दुल्ला को सितंबर में कड़े पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत नजरबंद किया गया और इसके कुछ समय बाद उमर अब्दुल्ला और महबूबा को भी इसी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था। सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से इन नेताओं के भड़काऊ बयानों का हवाला देते हुए इन्हें नजरबंद रखा है।

राजनाथ सिंह ने IANS को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “कश्मीर का माहौल शांतिपूर्ण है। स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार ने किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया है।”

वहीं सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हितों में कुछ कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए।” सिंह ने कहा कि फारूक उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं यह भी प्रार्थना करता हूँ कि जब वह बाहर आएँ तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें।”

इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने इस धारणा को भी खारिज किया कि मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। उन्होंने मेरठ और मेंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मेंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुस्लिम भारत के नागरिक और हमारे भाई हैं। वह हमारे जिगर का टुकड़ा है। कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं। लेकिन बीजेपी किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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