Sunday, November 17, 2024
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नरेंद्र मोदी को भगवान श्रीराम ने ही चुना, प्राण प्रतिष्ठा से पहले बोले आडवाणी: कहा- नियति ने तय कर लिया था अयोध्या में मंदिर

राम मंदिर को जनआंदोलन में बदलने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार (12 जनवरी 2024) को कहा कि नियति ने बहुत पहले ही तय कर दिया था कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा। उन्होंने खुद को सारथी बताया। साथ ही राममंदिर के सुख क्षण लाने के उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी।

राम मंदिर को जनआंदोलन में बदलने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि रथयात्रा के समय उन्हें अहसास हो गया था कि नियति ने तय कर दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा। उन्होंने खुद को सारथी बताया। साथ ही राममंदिर के सुख क्षण लाने के उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आडवाणी भी मौजूद रहेंगे।

बताते चलें कि लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से अपनी ‘रथयात्रा’ की शुरुआत की थी। इस रथयात्रा के संयोजक उस समय नरेंद्र मोदी थे। यह यात्रा 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के साथ समाप्त हुई थी। कहा जाता है कि जब विवादित ढाँचा टूटा था, उस समय लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या में ही थे।

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मंदिर सभी भारतीयों को भगवान राम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, “उस समय (सितंबर 1990 में यात्रा शुरू होने के कुछ दिन बाद) मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनाया जाएगा… अब यह केवल समय की बात है।”

राष्ट्रधर्म नाम की एक पत्रिका से बात करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने आगे कहा, “और, ‘रथयात्रा’ शुरू होने के कुछ कुछ दिनों बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं सिर्फ एक सारथी था। मुख्य संदेश यात्रा ही थी… वह ‘रथ’ पूजा के योग्य था, क्योंकि यह भगवान राम के जन्मस्थान पर जा रहा था।” उन्होंने रथयात्रा को अपने राजनीतिक करियर की सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना बताया।

आडवाणी ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि यह रथयात्रा जनआंदोलन का रूप ले लेगी। इसे ‘खुद को खोजने’ का एक मौका बताते हुए उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान, कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया। दूरदराज के गाँवों से ग्रामीण मेरे पास आते थे, रथ देखकर भावना से अभिभूत होते थे। वे नमस्कार करते थे। ‘राम’ का जाप करते थे और चले जाते थे। यह एक संदेश था।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए आडवाणी ने कहा कि कहा कि भगवान राम ने अपने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए नरेंद्र मोदी के रूप में अपना भक्त चुना, जिनकी देखरेख में मंदिर की इमारत बन रही है। उन्होंने कहा, “अब जब पीएम मोदी मंदिर का अभिषेक करेंगे तो वह भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे।”

लालकृष्ण आडवाणी ने ये सारी बातें राष्ट्रधर्म नाम की एक मासिक पत्रि‍का से बातचीत में ये बातें कहीं। ‘श्रीराममंदिर: एक दिव्‍य स्‍वप्‍न की पूर्ति’ नाम से यह लेख 15 जनवरी 2024 को प्रकाशि‍त होगा। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में लालकृष्ण आडवाणी शामिल रहेंगे। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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