लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की करारी शिकस्त के बाद राहुल गाँधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अफवाह उड़ी जिसके बाद खुद पार्टी को सामने आकर खंडन करना पड़ा कि ऐसा कुछ नहीं है। राहुल गाँधी ने खुद पत्रकारों के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह उनके और कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी के बीच की बात है। अब मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने राहुल के इस्तीफा न देने पर हैरानी जताई है।
It is astonishing that Rahul Gandhi has not yet resigned as Congress President. His party performed very poorly; he lost his own pocket borough. Both self-respect, as well as political pragmatism, demand that the Congress elect a new leader. But perhaps the Congress has neither.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) May 24, 2019
गुहा ने शुक्रवार (मई 24, 2019) को एक ट्वीट करते हुए कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि राहुल गाँधी ने अब तक कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा नहीं दिया है। उनकी पार्टी ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। वह अपने गढ़ (अमेठी) में हार गए। राहुल गाँधी ने अपना आत्मसम्मान, राजनीतिक कद दोनों ही गँवा दिया है। मैं माँग करता हूँ कि कॉन्ग्रेस को अब एक नए नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन कॉन्ग्रेस के पास वो भी नहीं है।”
India is becoming more authoritarian at the top, but less feudal at the bottom. Younger Indians find the idea of a fifth generation dynast being appointed President of India’s oldest party only because of whose son and grandson he is, absolutely repugnant. And rightly so.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) May 22, 2019
गौरतलब है कि इससे पहले एग्जिट पोल सामने आने पर रामचंद्र गुहा ने पार्टी के वंशवाद को निशाने पर लेते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी को गाँधी वंश से मुक्त होने की बात कही थी। गुहा ने कहा था कि नया भारत निचले पायदान पर कम सामंती है और शीर्ष पर अधिक अधिनायकवादी। उनका कहना था कि लोगों को यह बात अस्वीकार्य लगती है कि पाँचवीं पीढ़ी के राजवंश को भारत की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के लिए केवल इस बात पर ग़ौर किया गया कि वो किसका बेटा और पोता है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी को ज़िंदा रहने के लिए अपनी राजवंश की छवि को ख़त्म करना पड़ेगा।