बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के बाद अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान दिया है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दुओं के इस ग्रंथ को बकवास किताब बताते हुए बैन करने की माँग कर डाली है। मौर्य ने रामचरित मानस को तुलसीदास द्वारा अपनी ख़ुशी के लिए लिखी गई किताब करार दिया है। स्वामी प्रसाद ने यह बयान रविवार (22 जनवरी, 2023) को दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भले ही वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन जाति के नाम पर जो भी विशेष वर्ग को अपमानित करे उस पर आपत्ति जताते हैं। मौर्य ने सीधे रामचरितमानस का नाम लेते हुए कहा कि अब करोड़ों लोग इस किताब को नहीं पढ़ते हैं और इसमें सब बकवास है। स्वामी प्रसाद ने सरकार से रामचरितमानस में कुछ अंश को आपत्तिजनक बताते हुए उसे हटाने की माँग की। उन्होंने आगे कहा कि अगर वो अंश न हट पाएँ तो पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए।
स्वामी प्रसाद ने अपनी बयानबाजी इसके बाद भी जारी। उन्होंने कहा कि वो रामचरितमानस को धर्म ग्रंथ मानते ही नहीं हैं क्योकि इस किताब को तुलसीदास ने अपनी खुद की ख़ुशी के लिए लिखा था। स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया कि रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयाँ हैं, जिनमें शूद्रों को अधम होने का सर्टिफिकेट दिया गया है। उन्होंने उन चौपाइयों को एक वर्ग के लिए गाली जैसे बताया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण भले ही कितना गलत करे वो सही और शूद्र कितना भी सही करे वो गलत होता है। मौर्य के अनुसार, अगर उसे ही धर्म कहते हैं वो ऐसे धर्म का सत्यानाश हो और ऐसे धर्म को वो दूर से नमस्कार करते हैं।
अपने बयान में सपा नेता ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री पर भी नकारात्मक टिप्पणी की। स्वामी प्रसाद मौर्य के मुताबिक, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार नहीं कर रहे हैं बल्कि उसे दफनाने का काम कर रहे हैं। धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यों को ढोंग और ढकोसला बताते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रशासन से उनके ऊपर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में एक्शन लेने की भी माँग की। इसी दौरान उन्होंने साल 2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश में 80 सीटें जीतने के दावे को ‘मुंगेरीलाल का सपना’ बताया।