3 चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियाँ लगभग अपने अंतिम चरण में हैं। इसी कड़ी में, कॉन्ग्रेस ने भी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है जिसमें एक नाम चौंकाने वाला है। ये और कोई नहीं बल्कि NDTV के प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार का भाई ब्रजेश पांडेय है। कॉन्ग्रेस ने ब्रजेश पांडेय को मोतिहारी की गोविंदगंज सीट से टिकट दिया है।
Brother of Ravish Kumar & Congress leader Brajesh Panday along with friend (Nikhil) were accused of raping a Minor Dalit Girl.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 15, 2020
Later, the dalit rape survior was forced to marry Nikhil in order to settle the case.
After photo-op at Hathras, Rahul gave Ticket to Brajesh Pandey. https://t.co/OM1iDG4R0h pic.twitter.com/3V32DN80tn
ये वही ब्रजेश पांडेय है जो बिहार सरकार में पूर्व कॉन्ग्रेसी मंत्री की नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण और बलात्कार के मामले में आरोपित रह चुका है। जिसके चलते उन्हें बिहार कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष के पद से भी इस्तीफ़ा देना पड़ गया था। यही नहीं, इस आरोप के कारण रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पर POCSO Act (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज), SC/ST Act ( पीड़ित लड़की दलित थी) का केस दर्ज हुआ।
कृपया सिरियल न 9 विधानसभा न 14 गोविंदगंज के प्रत्याशी पर ध्यान दे । @INCIndiaLive ने विश्वविख्यात देश के एक मूर्धन्य पत्रकार के अनुज को चुना है । राजनीति और पत्रकारिता का ऐसा नायाब और बेशर्मी से ओतप्रोत संगम विरले ही होते है ।@ravishndtv pic.twitter.com/gRAuXoCIaT
— Dr. Devendra Kumar (@DrDevendraKumar) October 15, 2020
कॉन्ग्रेस द्वारा जारी की गई चुनावी प्रत्याशियों की सूची में ब्रजेश पांडेय का नाम गोविंदगंज सीट से है। मोतिहारी के गोविंदगंज विधानसभा सीट पर चुनाव दूसरे चरण में होने हैं। हालाँकि ब्रजेश इसके पहले भी इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उस चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी। साल 2017 में जिस दौरान उन पर यौन शोषण का आरोप लगा उस वक्त वह कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर थे। इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था।
दरअसल साल 2017 में ब्रजेश पांडेय पर कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता की नाबालिग दलित बेटी के साथ यौन शोषण और बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने सम्बंधी अधिनियम और अनुसूचित – अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत पटना में मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़िता ने मीडिया के सामने आकर धमकी दी थी कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह करके अपनी जान दे देगी।
घटनाक्रम पर विवाद बढ़ने के कई दिनों बाद जाँच करने वाले विशेष दल ने ब्रजेश पांडेय का शामिल किया था। ब्रजेश पांडेय के अलावा पूर्व आईएएस के बेटे निखिल प्रियदर्शी और संजीत कुमार शर्मा भी इस मामले में आरोपित थे। फ़िलहाल कॉन्ग्रेस के इस कदम की काफी आलोचना हो रही है और लोग इस पर जम कर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।
What a shame, @INCIndia LOVES people like Brajesh Pandey, @ravishndtv अब डर का माहौल नहीं है? https://t.co/LD8tLjOOqh
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) October 16, 2020
कॉन्ग्रेस ने भले ही साल 2017 के विवाद के बाद ब्रजेश पांडेय को किनारे कर दिया था लेकिन अब एक बार फिर उसी बलात्कार और यौन शोषण के आरोपित को चुनाव लड़ने का अवसर दिया है।